महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को बड़ी राहत मिली है। आयकर विभाग द्वारा 2021 के बेनामी मामले में जब्त की गई उनकी सभी संपत्तियों को शुक्रवार को क्लियर कर दिया। अब इस पूरे मामले पर विपक्ष भाजपा पर जमकर निशाना साध रहा है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजित पवार को बड़ी राहत मिली है। आयकर विभाग द्वारा 2021 के बेनामी मामले में जब्त की गई उनकी सभी संपत्तियों को शुक्रवार को क्लियर कर दिया। दरअसल, पवार को दिल्ली में बेनामी संपत्ति लेनदेन अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा राहत दी गई है। न्यायाधिकरण ने उनके और उनके परिवार के खिलाफ बेनामी संपत्ति के स्वामित्व के आरोपों को खारिज कर दिया। अब इस पूरे मामले पर विपक्ष भाजपा पर जमकर निशाना साध रहा है। उसका कहना है कि भाजपा की वॉशिंग मशीन में सब साफ हो जाते हैं। इस पर अजित ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष को आरोप लगाने का अधिकार है। उनका यही काम है। वे चाहे तो इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं।
भाजपा का मकान ही ऐसा, जो…: कांग्रेस
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, ‘भाजपा का मकान ही ऐसा बना है, जो उनके घर में जाता है वो साफ होकर ही निकलता है।वहीं, जो दूर होता है वो बुरी तरह गंदा दिखता है। उनपर बहुत दाग होते हैं। यह कोई नई बात नहीं है कि जो भी भाजपा के साथ गठबंधन करता है, उसे क्लीन चिट मिल जाती है। जो भी भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करता है, वह दागी लगता है।’
भाजपा से हाथ मिलाइए सब साफ हो जाता: संजय राउत
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार को इनकम टैक्स से क्लीन चिट मिलने को लेकर शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा से हाथ मिलाइए सब साफ हो जाता है। अजित पवार भाजपा की वॉशिंग मशीन में साफ हुए। अजित पवार ने गुरुवार को ही महायुति सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।उन्होंने कहा कि जिस अजित पवार पर सिंचाई घोटाले में आरोप था, उन्हें 100 करोड़ के घोटाले में क्लीन चिट मिल गई, नवाब मलिक को क्लीन चिट मिल गई। भाजपा के साथ में जाते ही सब आरोप खत्म हो गए। सब वाशिंग मशीन में धुल गए। इस देश में क्या हो रहा है। उन्होंने कहा कि ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस दौरान संसद में नोटों की गड्डी मिलने का भी जिक्र किया। राउत ने कहा कि 50 हजार का एक बंडल मिल गया उस पर संसद में हंगामा हो रहा है लेकिन अदाणी पर बात नहीं हो रही है।
अजित पवार का पलटवार
विपक्ष के बयानों पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा, ‘मैं भाजपा के साथ कब गया था? करीब डेढ़ साल हो गए हैं। हमेशा आरोपों को आसानी से स्वीकार कर लेना जरूरी नहीं है। हर किसी को अपील करने का अधिकार है।’
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 7 अक्तूबर, 2021 का है, जब आयकर विभाग ने कई कंपनियों पर छापे मारे, जिसमें कुछ ऐसे दस्तावेज बरामद हुए, जो कथित तौर पर बेनामी स्वामित्व वाली कुछ संपत्तियों को अजित पवार और उनके परिवार से जोड़ते थे। हालांकि, न्यायाधिकरण ने इन दावों को यह कहते करते हुए खारिज कर दिया कि आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
अजित पवार, उनकी पत्नी सुनेत्रा और बेटे पार्थ अजीत पवार का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता प्रशांत पाटिल ने ट्रिब्यूनल के समक्ष तर्क दिया कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। अधिवक्ता पाटिल ने बेनामी लेनदेन निषेध अधिनियम की योजना का हवाला देते हुए ट्रिब्यूनल को यह समझाया कि पवार परिवार निर्दोष है और उन्हें बिना किसी सबूत के कार्यवाही में नहीं घसीटा जा सकता।पांच नवंबर, 2024 को न्यायाधिकरण ने आयकर विभाग द्वारा दायर एक अपील को खारिज करके अपने रुख की पुष्टि की, जिससे उसका पिछला फैसला बरकरार रहा। इस फैसले से आयकर अधिकारियों द्वारा पहले जब्त की गई संपत्तियों को मुक्त कर दिया गया है।
2021 में एक हजार करोड़ की संपत्ति की गई थी सीज
बता दें कि अक्तूबर 2021 में अधिकारियों ने बेनामी संपत्ति रोकथाम अधिनियम (PBPP) के तहत 1,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्तियां सीज कीं। इस कार्रवाई में महाराष्ट्र और मुंबई में अजित पवार से जुड़े लोगों के आवासों और कार्यालयों की तलाशी शामिल थी, जिसमें उनके रिश्तेदार, बहनें और करीबी सहयोगी शामिल थे। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि इनमें से कोई भी संपत्ति सीधे एनसीपी नेता के नाम पर पंजीकृत नहीं थी।
ये संपत्तियां की गई थीं सीज
कुर्क की गई संपत्तियों में महाराष्ट्र के सतारा में जरंदेश्वर शुगर फैक्ट्री, मुंबई में एक आधिकारिक परिसर, दिल्ली में एक फ्लैट, गोवा में एक रिसॉर्ट और महाराष्ट्र में 27 अलग-अलग जगहों पर जमीन के टुकड़े शामिल हैं। उसी साल, आयकर विभाग ने मुंबई में दो रियल एस्टेट कारोबारी समूहों और अजित पवार के रिश्तेदारों से कथित तौर पर जुड़ी कुछ संस्थाओं पर छापेमारी के बाद 184 करोड़ रुपये की बेहिसाबी आय का पता लगाया था।
