Breaking News
Home / अंतराष्ट्रीय / नितिन गडकरी का एलान

नितिन गडकरी का एलान


केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने विश्वास जताया है कि भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग अगले पांच वर्षों में वैश्विक स्तर पर नंबर एक स्थान पर पहुंच जाएगा। साथ ही उन्होंने अपने मंत्रालय का महत्वाकांक्षी लक्ष्य भी रेखांकित किया कि दो वर्षों में भारत में लॉजिस्टिक्स लागत को 9 प्रतिशत तक कम किया जाएगा।
भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग हुआ बड़ा
मंगलवार को अमेजन संभव शिखर सम्मेलन में बोलते हुए, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग की उल्लेखनीय बढ़ोतरी का जिक्र किया। जिसके बारे में उन्होंने कहा कि उनके पदभार संभालने के बाद से यह 7 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
तीसरे नंबर से पहले पर आना है
उन्होंने कहा, “पहला स्थान अमेरिका का है – 78 लाख करोड़ रुपये का, दूसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल उद्योग चीन में है – 47 लाख करोड़ रुपये का, और अब भारत 22 लाख करोड़ रुपये का है। मुझे विश्वास है कि 5 साल के भीतर हम भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग को दुनिया में नंबर 1 बनाना चाहते हैं।”
भारत में लॉजिस्टिक्स लागत
मंत्री ने कहा कि भारत में प्रतिष्ठित वैश्विक ऑटोमोबाइल ब्रांडों की मौजूदगी देश की क्षमता का स्पष्ट संकेत है। उन्होंने आगे कहा कि उनके मंत्रालय का लक्ष्य 2 वर्षों के भीतर भारत में लॉजिस्टिक्स लागत को एक अंक तक कम करना है।उन्होंने कहा, “भारत में लॉजिस्टिक लागत 16 प्रतिशत है और चीन में यह 8 प्रतिशत है, अमेरिका और यूरोपीय देशों में यह 12 प्रतिशत है। सरकार ने लॉजिस्टिक लागत को कम करने का निर्णय लिया है… मेरे मंत्रालय में हमारा लक्ष्य है कि 2 वर्षों के भीतर हम इस लॉजिस्टिक लागत को 9 प्रतिशत तक ले जाएंगे।”
यात्रा समय होगा कम
गडकरी ने उन खास परियोजनाओं पर रोशनी डाली, जो प्रमुख शहरों के बीच यात्रा के समय में भारी कमी लाएंगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली से देहरादून की यात्रा, जो वर्तमान में लगभग नौ घंटे की होती है, जनवरी 2025 तक घटकर मात्र दो घंटे की रह जाएगी। इसी तरह, दिल्ली-मुंबई और चेन्नई-बंगलूरू के बीच यात्रा के समय में भी उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है।
ईंधन की लागत कम करना है
इसके बाद उन्होंने वैकल्पिक ईंधन और जैव ईंधन को अपनाने के महत्व पर जोर दिया। और कहा कि वाहनों में बायो-इथेनॉल का उपयोग करने से ईंधन की लागत में महत्वपूर्ण बचत हो सकती है। साथ ही प्रदूषण में भी कमी आएगी।गडकरी ने एडवांस्ड रिसाइकिलिंग टेक्नोलॉजी (उन्नत पुनर्चक्रण प्रौद्योगिकियों) के जरिए जैविक कचरे को हाइड्रोजन ईंधन और अन्य मूल्यवान सामग्रियों में बदलने की योजनाओं की रूपरेखा भी पेश की। उन्होंने बताया कि दिल्ली में भारी मात्रा में नगरपालिका अपशिष्ट पैदा होता है। जिसमें से वर्तमान में सिर्फ 80 लाख टन का ही उपयोग किया जा रहा है।
जैविक कचरे से हाइड्रोजन
गडकरी ने कहा, “हमारा विचार जैविक कचरे से हाइड्रोजन बनाना है। कचरे को अलग करके हम पेट्रोल, प्लास्टिक, धातु और कांच हासिल कर सकते हैं। इन सभी उपलब्ध सामग्रियों की रिसाइकिलिंग संभव है।
उन्होंने कहा, “और एक और तकनीक है जिसके द्वारा हम इस कचरे का उपयोग ग्रीन हाइड्रोजन हासिल करने के लिए कर सकते हैं।”

About United Times News

Check Also

छात्रों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए योग जरूरी: गोवा मुख्यमंत्री

🔊 पोस्ट को सुनें गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शनिवार को स्कूल शिक्षकों से …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Best WordPress Developer in Lucknow | Best Divorce Lawyer in Lucknow | Best Advocate for Divorce in Lucknow
× Join With Us