लखनऊ । किसानों के लिए गोल्डेन कार्ड बड़ा फायदेमंद साबित होगा।न बनवाने पर नुकसान भी बहुत हैं। कृषि विभाग कैंप लगाकर किसानों के गोल्डन कार्ड बनाने के लिए फार्मर रजिस्ट्री कर रहा है। इसके बाद विभाग किसानों को गोल्डन कार्ड देगा।इससे किसानों को कई सुविधाएं मिलेंगी। कृषि विभाग ने 1 दिसंबर से कैंप लगाना शुरू किया है। जिन किसानों की फार्मर रजिस्ट्री हो चुकी है। उनको अभी गोल्डन कार्ड जारी नहीं किए गए हैं।अधिकारियों की माने तो रजिस्ट्री का आंकड़ा बढ़ने पर किसानों को गोल्डन कार्ड जारी करना शुरू होगा। फार्मर रजिस्ट्री करवाने वाले किसानों को फिलहाल एक यूनिक आईडी नंबर दिया जा रहा है।योजना के तहत गोल्डन कार्ड पर यही यूनिक आईडी नंबर अंकित होगा। कृषि विभाग के शिविरों के अलावा किसान मोबाइल और जन सुविधा केंद्र से भी फार्मर रजिस्ट्री करवा सकते हैं। किसानों और उनके खेतों की जानकारी रखने के लिए कृषि विभाग फार्मर रजिस्ट्री करवा रहा है। खसरा खतौनी को आधार कार्ड से लिंक किया जा रहा है। खसरा खतौनी, आधार और आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर से ही फार्मर रजिस्ट्री की जा रही। एक दिसंबर से शुरू की गई योजना को लेकर बहुत से किसानों में भ्रम है।फार्मर रजिस्ट्री करवाकर गोल्डन कार्ड बनाना सभी किसानों के लिए अनिवार्य है। रजिस्ट्री नहीं करवाने वाले किसानों को इस तिमाही की सम्मान निधि नहीं दी जाएगी। गोल्डन कार्ड नहीं होने पर किसानों को अन्य सरकारी सुविधाएं लेने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कृषि विभाग जनवरी तक ही कैंप का आयोजन कर किसानों की रजिस्ट्री करेगा। इसके बाद किसानों को मोबाइल और जनसुविधा केंद्र से रजिस्ट्री करवानी होगी। गोल्डन कार्ड जारी होने से किसानों को किसी योजना का लाभ लेने के लिए चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। घर बैठे ही सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा। महज एक दिन के अंदर बैंक से ऋण मिल जाएगा। प्राकृतिक आपदा होने पर किसानों के नुकसान की जानकारी विभाग को हो सकेगी जिससे भरपाई जल्द हो सकेगी।फार्मर रजिस्ट्री के जरिये किसानों का पूरा लेखा-जोखा कृषि विभाग के पास अपडेट हो जाएगा।राम जतन मिश्र, कृषि उपनिदेशक रामजतन मिश्र के मुताबिक कैंप लगाकर फार्मर रजिस्ट्री की जा रही है। इसके बाद किसानों को गोल्डन कार्ड जारी होंगे,इससे कई तरह के लाभ मिलेंगे।
