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डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर नहीं होना चाहिए कोई विवाद’, बहन शर्मिष्ठा के आरोपों पर अभिजीत मुखर्जी


अभिजीत का बयान इस मायने में अहम है क्योंकि उनकी बहन शर्मिष्ठा ने चार साल पहले 2020 में प्रणब मुखर्जी के निधन के बाद कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक न बुलाए जाने को लेकर पीड़ा साझा की थी।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद से लगातार सियासत जारी है। कभी स्मारक स्थल, कभी अस्थियां विसर्जन तो कभी कांग्रेस की बैठक पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने सोमवार कहा कि डॉ. सिह के निधन पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए।
बहन ने कांग्रेस पर बोला था हमला
बता दें, अभिजीत का बयान इस मायने में अहम है क्योंकि उनकी बहन शर्मिष्ठा ने चार साल पहले 2020 में प्रणब मुखर्जी के निधन के बाद कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक न बुलाए जाने को लेकर पीड़ा साझा की थी। उन्होंने कांग्रेस की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा था कि उनके पिता और पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर कांग्रेस ने एक शोक सभा आयोजित करने की जहमत भी नहीं उठाई थी।
क्या बोले अभिजीत मुखर्जी?
प्रणब मुखर्जी के बेटे ने कहा, ‘डॉ. मनमोहन सिंह जैसे व्यक्ति की मौत को लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए। वह एक अर्थशास्त्री और एक व्यक्तित्व थे, जिनकी जितनी सराहना की जाए उतनी कम होगी। मेरे पिता की भाषा में मनमोहन सिंह एक सज्जन इंसान थे। मैंने कभी उन्हें गुस्सा होते नहीं देखा। जब भी मैंने उनसे मुलाकात की वह मुस्कराते हुए ही मिले। वह एक सुखदायक व्यक्तित्व और पिता तुल्य थे।’
अभिजीत मुखर्जी ने कहा, ‘जब भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी में थी, तब उन्होंने उसे स्थिर किया, उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव रखी। डॉ. मनमोहन सिंह जैसा सुधारक शायद फिर कभी नहीं आएगा।’
शर्मिष्ठा ने यह कहा था
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने रविवार को आरोप लगाया था कि कांग्रेस में गिरावट आ गई है और पार्टी को दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति पर आत्ममंथन करने की जरूरत है। उन्होंने पार्टी की मौजूदा स्थिति पर अफसोस जताते हुए कहा था कि आज कई पुराने कांग्रेस कार्यकर्ता खुद को पार्टी से अलग-थलग महसूस कर रहे हैं, क्योंकि शीर्ष नेताओं में विचारधारा की कमी है।उन्होंने यह भी सवाल उठाया था कि उनके पिता के निधन के बाद कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक क्यों नहीं बुलाई गई और कोई प्रस्ताव क्यों नहीं पारित किया गया। उन्होंने कहा था कि उन्हें बुरा लगा जब उनके पिता की मृत्यु के बाद सीडब्ल्यूसी की बैठक नहीं बुलाई गई। सीडब्ल्यूसी कांग्रेस के सबसे बड़े फैसले लेने वाली संस्था है।
उन्होंने कहा था, कांग्रेस को इसका जवाब देना होगा। मैं सिर्फ एक तथ्य पेश कर सकती हूं। लेकिन मैं यह भी कहना चाहूंगी कि मुझे नहीं पता कि यह जानबूझकर किया गया था या बस लापरवाही थी। इतनी पुरानी पार्टी में क्या परंपराएं हैं? अगर (कांग्रेस नेता) राहुल गांधी और उनके करीबी लोगों को यह नहीं पता कि कांग्रेस ने पहले इस स्थिति में कैसे काम किया, तो यह खुद कांग्रेस के भीतर एक गंभीर और दुखद स्थिति है।

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