Breaking News
Home / अंतराष्ट्रीय / वामपंथ-समाजवाद के गढ़ को तीसरी बार तोड़ने में सफल रही भाजपा, 1991 में पहली बार जीती थी पार्टी

वामपंथ-समाजवाद के गढ़ को तीसरी बार तोड़ने में सफल रही भाजपा, 1991 में पहली बार जीती थी पार्टी


मिल्कीपुर के उपचुनाव को भाजपा तीसरी बार जीतने में सफल रही। यह सीट मूल रुप से समाजवाद का गढ़ मानी जाती रही है। मिल्कीपुर सीट पर तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी के सिर पर जीत का ताज सजा है। इसके पहले वर्ष 1991 और 2017 में पार्टी ने इस सीट को अपनी झोली में डाला था। अब 2025 में चंद्रभानु पासवान ने वामपंथी राजनीति और समाजवादियों का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट पर भगवा परचम लहराने में कामयाबी हासिल की है।मिल्कीपुर सीट का सृजन परिसीमन के बाद वर्ष 1967 में हुआ था। इसके बाद वर्ष 1969 में हुए विधानसभा चुनाव में जनसंघ (अब भाजपा) के हरिनाथ तिवारी विधायक चुने गए। इसके बाद 1974 से 1989 तक यह विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी का अभेद्य किला बन गया। लंबे वनवास के बाद वर्ष 1991 में राम लहर में मथुरा प्रसाद तिवारी ने भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की।वर्ष 1991 के बाद के चुनाव से 2012 तक जितने भी चुनाव हुए भाजपा को हर बार निराशा का ही सामना करना पड़ा। इन चुनावों में अलग-अलग भाकपा, सपा और बहुजन समाज पार्टी जीत दर्ज करती रही। एक बार फिर भाजपा को यहां पर वनवास झेलना पड़ा। इसके बाद 2017 के चुनाव में पार्टी ने यहां पर युवा उम्मीदवार के रूप में गोरखनाथ बाबा पर दांव लगाया। वह पार्टी के भरोसे पर खरे साबित हुए।
यह अलग बात है कि इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा ने एक बार फिर इस सीट पर कब्जा कर लिया। अवधेश प्रसाद ने गोरखनाथ को पराजित किया। 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा ने अवधेश को विधायक रहते उम्मीदवार बना दिया। सामान्य सीट पर एससी प्रत्याशी को उतारने की यह रणनीति कामयाब रही। सपा ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हुए चुनाव में भाजपा को हराने का कमाल कर दिखाया।लोकसभा चुनाव जीतने के बाद अवधेश ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया तो उपचुनाव हुआ। इस बार भाजपा ने गोरखनाथ की बजाय बसपा से राजनीति में कदम रखने वाले बिल्कुल नए चेहरे चंद्रभानु पासवान को टिकट दिया। इस चुनाव में चंद्रभानु ने बड़ी जीत दर्ज करते हुए सपा सांसद के बेटे अजीत प्रसाद को हरा दिया और जीत का सेहरा पार्टी के माथे पर सजा दिया।
वोटों की डकैती से चुनाव जीती भाजपा : सांसद
मिल्कीपुर उपचुनाव में मिली हार के बाद सपा सांसद ने चुनाव आयोग, प्रदेश सरकार व स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने वोटों की डकैती डालकर बेईमानी से चुनाव जीता है। यह हिंदुस्तान सबसे बड़ी डकैती है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की मर्यादा की धज्जियां उड़ाई गई।
उन्होंने कहा कि पहली बार चुनाव आयोग निष्क्रिय और लाचार रहा। जगह-जगह बूथ कैप्चरिंग हो रही थी। पीठासीन अधिकारी और भाजपा के बाहरी लोग फर्जी वोट डाल रहे थे। उन्हें सत्ता व बूथ पर लगे सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों का संरक्षण था। निष्पक्ष चुनाव होता तो भाजपा की जमानत न बचती। जो-जो घटनाएं हुई हैं, जिस तरह वोट लूटा गया है, यह हिंदुस्तान की आजादी व बाबा साहेब के संविधान के लिए काला दिन था। इस अन्याय और अत्याचार को लोकसभा में उठाएंगे। मिल्कीपुर की जनता व बहादुर कार्यकर्ताओं ने बहादुरी का परिचय दिया। पुलिस की लाठी खाकर भी वोट डालते रहे। उनकी बहादुरी का ख्याल रखते हुए उनके सम्मान और विकास के लिए खड़े रहेंगे।
जिलाध्यक्ष पारसनाथ यादव ने कहा कि धन व बैंक की डकैती तो सुना था, पहली बार लोकतंत्र में वोट की डकैती पड़ी है। भाजपा ने कई हजार लोगों को मताधिकार से वंचित कर लोकतंत्र की जो हत्या है, जिले का इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। मिल्कीपुर के बहादुर साथियों ने विषम परिस्थितियों में भी सपा को 85,000 वोट देकर साहस का परिचय दिया है, जो लोकतंत्र को बचाने का बहुत बड़ा कदम है। जनता ने उन्हें पूरी तरह जिताया है, लेकिन सरकार और प्रशासन की बेईमानी से सपा चुनाव हारी है।

About United Times News

Check Also

“देश का नाम भारत है, इंडिया नहीं” – RSS महासचिव का बड़ा बयान

🔊 पोस्ट को सुनें आरएसएस के राष्ट्रीय महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने कहा है कि भारत …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Best WordPress Developer in Lucknow | Best Divorce Lawyer in Lucknow | Best Advocate for Divorce in Lucknow
× Join With Us