सहारा हास्पिटल लखनऊ में हेपेटाइटिस ‘बी’ व ‘सी’ स्क्रीनिंग शिविर में 100 से अधिक लोगों मुफ्त जांच की गई
-इस वर्ष की थीम “हम इन्तजार नहीं कर रहे हैं”।
विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर सहारा हॉस्पिटल में शुक्रवार को नि:शुल्क हेपेटाइटिस ‘बी’ व ‘सी’ स्क्रीनिंग शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की शुरुआत सहारा इंडिया परिवार के वरिष्ठ सलाहकार अनिल विक्रम सिंह जी ने फीता काटकर किया। इस शिविर में कई लोगों ने अपनी जांच करायी और लाभ प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त वायरल हेपेटाइटिस के प्रति भी लोगों को जागरूक किया गया, वहीं, इस बीमारी की रोकथाम, परीक्षण और उपचार के बारे में भी जानकारी दी गयी। हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ. अंकुर गुप्ता व डॉक्टर दयाराम ने संयुक्त रूप से बताया कि वर्तमान परिवेश में हेपेटाइटिस बी और सी की बीमारी स्वास्थ्य क्षेत्र में एक चुनौतीपूर्ण समस्या है। पूरी दुनिया को हेपेटाइटिस की बीमारी से जागरूक करने के लिए इस साल भी 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया गया। इस साल 2023 में विश्व हेपेटाइटिस दिवस की थीम रखी गयी “हम इंतजार नहीं कर रहे है” जिसका सार्थक उद्देश्य है कि बीमारी से ग्रसित होने से पहले ही इन्तजार न करके समय समय पर अपने और स्वजनों की स्क्रीनिंग कराते रहना चाहिए। आंकड़े बताते हैं कि हेपेटाइटिस के कारण पूरी दुनिया में हर 30 सेकंड में एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। लगातार गंभीर हो रही इस बीमारी को देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने 2030 तक इसे खत्म करने का लक्ष्य रखा है। यही वजह है कि इस बीमारी को लेकर लोगों में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता बढ़ाई जा रही है, क्योंकि जानकारी के अभाव के कारण ज्यादातर लोग इस बीमारी के लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं। उन्होंने बताया गया कि हेपेटाइटिस मुख्यत: ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’, और ‘ई’ श्रेणी में होती है, इसमें हेपेटाइटिस ‘ए’ और ‘ई’ दूषित खाना खाने से और ‘बी’, ‘सी’, संक्रमित खून से फैलता है। हेपेटाइटिस ‘बी’ और ‘सी’ वायरस से पीलिया, सिरोसिस और लिवर कैंसर होने की आशंका रहती है। दुनिया भर में करीब 350 मिलियन लोग हेपेटाइटिस बी से और 71 मिलियन लोग हेपेटाइटिस सी से पीड़ित है। यही नहीं, दवाओं से हेपेटाइटिस ‘बी’ को संभाला जा सकता है और ‘सी’ को पूर्णतया ठीक किया जा सकता है