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पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार पर साधा निशाना


पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार प्रशासनिक फैसलों में अनुभवहीनता दिखा रही है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर में मीडिया से वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें एक बड़ा अवसर मिला है, क्योंकि वे पहली बार विधायक बने और सीधे मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि ऐसा बहुत कम लोगों के साथ होता है, ऐसे में उन्हें अनुभवी सलाहकारों की जरूरत है।गहलोत ने कहा कि राजस्थान में भाजपा के कई अनुभवी नेता हैं, जिनका उपयोग सरकार को सुशासन देने के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार प्रशासनिक फैसलों में अनुभवहीनता दिखा रही है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।जिलों के पुनर्गठन पर आपत्ति गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रशासनिक सुविधा के लिए नए जिले बनाए थे, लेकिन वर्तमान सरकार ने उन्हें समाप्त कर दिया। उन्होंने तर्क दिया कि कई राज्यों में राजस्थान से कम आबादी के बावजूद अधिक जिले हैं, जिससे जनता को सरकारी सुविधाएं आसानी से मिलती हैं। उन्होंने कहा कि जनता को अपने कामों के लिए 100-250 किलोमीटर तक का सफर करना पड़ता है, जो अनुचित है।उन्होंने यह भी कहा कि नगर निगमों का विस्तार और सुदृढ़ीकरण आवश्यक था, लेकिन सरकार ने उल्टा कदम उठाते हुए नगर निगमों का एकीकरण कर दिया। उन्होंने इसे जनता के हितों के विरुद्ध बताया और कहा कि सुशासन के लिए इन इकाइयों को मजबूत करना चाहिए था।पूर्व मुख्यमंत्री ने राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने जोधपुर के एमडीएम अस्पताल का जिक्र करते हुए कहा कि वहां करोड़ों रुपये का कर्ज हो चुका है, जिससे दवा और उपकरणों की आपूर्ति बाधित हो रही है। डॉक्टर भी इस स्थिति से दुखी हैं, क्योंकि वे मरीजों को अन्य राज्यों में रैफर करने को मजबूर हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार चिरंजीवी योजना को लेकर भ्रम की स्थिति बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में इस योजना के तहत इलाज बंद हो चुका है, क्योंकि उन्हें समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा। सरकारी अस्पतालों में भी दवाओं और टेस्ट की सुविधा नहीं मिल रही है, जिससे जनता परेशान हो रही है।विपक्ष की आवाज दबाने के आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को केवल यह स्पष्ट करना था कि किसी मंत्री का फोन टैप नहीं हुआ लेकिन इसके बजाय विपक्ष को बोलने से रोका गया और खुद मुख्यमंत्री ने दो घंटे तक भाषण दिया। कांग्रेस सरकार ने अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलकर क्रांतिकारी कदम उठाया था, जिससे गरीब और पिछड़े वर्ग के बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल रही थी लेकिन अब सरकार इस पर पुनर्विचार करने के लिए कमेटी बना रही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह इस योजना को कमजोर करना चाहती है।भजनलाल शर्मा को सुशासन देना है तो उन्हें अनुभवी सलाहकारों की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा में कई पूर्व मंत्री और विधायक हैं, जिनका अनुभव सरकार को सही दिशा में ले जा सकता है। उन्होंने अपनी सरकार का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने भी सलाहकार नियुक्त किए थे, जबकि वे तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके थे।उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह जल्द से जल्द अनुभवी लोगों को अपने प्रशासन का हिस्सा बनाएं ताकि राजस्थान में सुशासन और विकास संभव हो सके।

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