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पुलिस ने मेधा पाटकर को हैदराबाद में सामाजिक कार्यकर्ता का घर छोड़ने का दिया निर्देश


एनएपीएम की 30वीं वर्षगांठ के राष्ट्रीय अधिवेशन में भाग लेने के लिए हैदराबाद आईं पाटकर ने मूसी नदी के पास चदरघाट क्षेत्र में एक कार्यकर्ता के घर का दौरा किया। इस दौरान पुलिस ने उन्हें वहां से जाने को कहा। जन आंदोलनों के राष्ट्रीय गठबंधन (एनएपीएम) के किरण कुमार विस्सा ने कहा कि मेधा पाटकर अचानक इलाके के दौरे पर गई थीं और यह कोई योजनाबद्ध विरोध प्रदर्शन नहीं था। पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को कानून और व्यवस्था की चिंताओं के मद्देनजर शहर स्थित एक कार्यकर्ता के घर से बाहर जाने की सलाह दी है। पुलिस ने कहा है कि उन्हें पाटकर के दौरे की कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी। एनएपीएम की 30वीं वर्षगांठ के राष्ट्रीय अधिवेशन में भाग लेने के लिए हैदराबाद आईं पाटकर ने मूसी नदी के पास चदरघाट क्षेत्र में एक कार्यकर्ता के घर का दौरा किया। जन आंदोलनों के राष्ट्रीय गठबंधन (एनएपीएम) के किरण कुमार विस्सा ने कहा कि मेधा पाटकर अचानक इलाके के दौरे पर गई थीं और यह कोई योजनाबद्ध विरोध प्रदर्शन नहीं था।विस्सा ने बताया कि वह उस क्षेत्र में रहने वाले कुछ स्वयंसेवकों से मिलने और मूसी परियोजना से “प्रभावित” लोगों से मिलने गई थीं। उन्होंने बताया कि पाटकर ने क्षेत्र का दौरा किया, कुछ निवासियों से बातचीत की और चली गईं। हालांकि, पुलिस ने उन खबरों का खंडन किया है कि उन्हें इलाके से वापस भेजने का कारण तेलंगाना सरकार की प्रस्तावित मूसी नदी पुनरुद्धार परियोजना से कथित रूप से प्रभावित लोगों से उनका (पाटकर) मिलना था।पुलिस की एक टीम सोमवार को कार्यकर्ता के घर गई और मेधा पाटकर से उनके आने का उद्देश्य पूछा, जिस पर उन्होंने बताया कि वह एक मित्र से मिलने आई थीं।एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “पाटकर एक राष्ट्रीय स्तर की नेता हैं। उन्हें (घर पर) आमंत्रित करने वाले व्यक्ति ने पुलिस को उनके दौरे के बारे में कोई सूचना नहीं दी थी। अगर उन्हें कुछ हो जाता तो क्या होता? पुलिस ने उनके दौरे पर कोई आपत्ति नहीं जताई। अगर पुलिस को पहले से सूचित किया जाता तो हम उनकी सुरक्षा का प्रबंध कर सकते थे।”अधिकारी ने बताया कि पाटकर को कानून और व्यवस्था की चिंताओं का हवाला देते हुए इलाका छोड़ने का अनुरोध किया गया था और इसका मूसी नदी पुनरुद्धार परियोजना से कोई लेना-देना नहीं था।विसा ने कहा, “जब पुलिस को पता चला कि वह वहां है, तो वे मौके पर पहुंचे और उससे वापस जाने का अनुरोध किया, क्योंकि वहां विरोध प्रदर्शन या पदयात्रा निकालने की कोई अनुमति नहीं थी। पाटकर ने पुलिस से कहा कि उन्हें किसी भी स्थान पर जाने और लोगों से बात करने का अधिकार है और पुलिस उन्हें रोक नहीं सकती। पाटकर ने यह भी कहा कि किसी भी विरोध प्रदर्शन या ऐसी किसी भी चीज की योजना नहीं बनाई गई थी।तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने हैदराबाद से होकर बहने वाली मूसी नदी के पुनरुद्धार का प्रस्ताव रखा है। विपक्षी बीआरएस और भाजपा ने नदी के किनारे गरीबों के घरों को कथित तौर पर ध्वस्त करने के लिए कांग्रेस सरकार पर हमलावर हो गई है।

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