तमिलनाडु में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत कथित तौर पर तीसरी भाषा थोपने को लेकर चल रही बहस भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के बीच तीखी राजनीतिक लड़ाई में बदल गई है। शुक्रवार को, जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एमके स्टालिन से राज्य में तमिल में इंजीनियरिंग और चिकित्सा शिक्षा शुरू करने के लिए कहा। स्टालिन के हिंदी विरोध को लेकर मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने बदलाव किए और अब यह सुनिश्चित किया है कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के उम्मीदवार अपनी-अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा दे सकें।भाजपा के राज्य प्रमुख के अन्नामलाई ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पर “भ्रामक हिंदी थोपने के खिलाफ अपने कागजी शब्द को लहराने” के लिए आलोचना की। अमित शाह और अन्नामलाई के बयान तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन द्वारा यह कहे जाने के बाद आए हैं कि एनईपी “एलकेजी के छात्र द्वारा पीएचडी धारक को व्याख्यान देने जैसा है”, उन्होंने कहा कि तमिलनाडु पहले ही नीति के कई लक्ष्यों को हासिल कर चुका है। भाषा के मुद्दे पर मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने बदलाव किए और अब यह सुनिश्चित किया है कि सीआईएसएफ के अभ्यर्थी अपनी-अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा दे सकें।उन्होंने कहा, ‘‘मैं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से छात्रों के लाभ के लिए राज्य में तमिल में इंजीनियरिंग और मेडिकल शिक्षा शुरू करने की अपील करता हूं।’’ उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की संस्कृति ने भारत की सांस्कृतिक धारा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शाह ने कहा, ‘‘चाहे वह प्रशासनिक सुधार हो, आध्यात्मिक ऊंचाइयों को प्राप्त करना हो, शिक्षा हो या राष्ट्र की एकता और अखंडता हो, तमिलनाडु ने हर क्षेत्र में भारतीय संस्कृति को मजबूत किया है।’’ इस कार्यक्रम में अर्द्धसैनिक बल के टुकड़ियों का ‘मार्च पास्ट’, योग प्रदर्शन और कमांडो अभियान का प्रदर्शन किया गया।
