केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) को 2 लाख करोड़ रुपये के महत्वाकांक्षी निर्यात लक्ष्य की दिशा में काम करने को कहा है। साथ ही उन्होंने भारत से अभी निर्यात नहीं हो रहे तीन विशिष्ट उत्पादों की पहचान करने को कहा है। समीक्षा बैठक में शाह ने एनसीईएल को सहकारी मिलों से चीनी, त्रिपुरा से सुगंधित चावल, जैविक कपास और मोटे अनाज के लिए नए निर्यात अवसरों की खोज करने को भी कहा है।केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 2023 में बनाए गए तीन राष्ट्रीय सहकारी संस्थानों की प्रगति का मूल्यांकन करने के लिए उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इसमें राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल), नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) और भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (बीबीएसएसएल) की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2023 में केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी से सहकारिता मंत्रालय की ओर से इन तीनों राष्ट्रीय सहकारी संस्थाओं को बनाया गया था। इनका उद्देश्य सहकारी निर्यात, जैविक उत्पादन और गुणवत्तापूर्ण बीजों के प्रचार के लिए छत्र संगठन के रूप में कार्य करना है। उन्होंने कहा कि इनका संचालन संबंधित मंत्रालयों/विभागों/एजेंसियों के सहयोग से ‘संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण के तहत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एनसीईएल को सहकारी चीनी मिलों से चीनी, त्रिपुरा के सुगंधित चावल, जैविक कपास और मोटे अनाज के निर्यात के नए अवसर तलाश करे। उन्होंने खाड़ी देशों में ताजी सब्जियों के निर्यात और विशेष आलू किस्मों के लिए बड़ी कंपनियों के साथ भागीदारी की संभावनाओं का भी सुझाव दिया।शाह ने एनसीईएल को 2 लाख करोड़ रुपये के निर्यात के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की दिशा में काम करने को भी कहा। साथ ही कहा कि ऐसे तीन विशिष्ट उत्पादों की पहचान की जाए जिन्हें भारत से वर्तमान में निर्यात नहीं किया जा रहा है। उन्होंने सभी सहकारी संस्थाओं के निर्यात को एनसीईएल के जरिये से करने का निर्देश दिया ताकि करीब 20,000-30,000 करोड़ का कारोबार और करों व संचालन लागत के बाद शुद्ध लाभ वापस सहकारी समितियों को मिल सके।शाह ने दलहन आयात के लिए अफ्रीका और म्यांमार में एनसीईएल के कार्यालय स्थापित करने और एक समर्पित वेबसाइट विकसित करने का भी निर्देश दिया ताकि सहकारी सदस्य वैश्विक मांग को समझ सकें और अपनी आपूर्ति क्षमता साझा कर सकें। उन्होंने कहा कि एनसीईएल को बहुराज्यीय सहकारी सोसायटी कानून के तहत स्थापित किया गया था। अपने पहले वर्ष में ही इसने उल्लेखनी प्रगति की है। वित्त वर्ष 2024-25 में इसने 10,000 से अधिक सहकारी संस्थाओं को सदस्यता दी और 4,283 करोड़ का कारोबार किया, जिसमें 122 करोड़ का शुद्ध लाभ हुआ।
