आज से छह साल पहले फरवरी के महीने में बालाकोट स्ट्राइक का बदला लेने भारत के वायुसीमा में घुसे पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को हमारे वायुयोद्धाओं ने खदेड़ दिया। इसी दौरान विंग कमांडर अभिनंदन ने पुरानी तकनीक वाले मिग 21 से पाकिस्तान के एफ-16 को मार गिराया। भारत ने आधी रात को पाकिस्तान के ऊपर सर्जिकल स्ट्राइक कर उसके पोषित आतंकी ठिकानों को जमींदोज कर दिया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के राफेल विमानों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ढांचों पर सटीक हमले किए, भारत और पाकिस्तान के बीच हवाई शक्ति संतुलन पर फिर से चर्चा होने लगी है। भारतीय सशस्त्र बलों ने घातक पहलगाम हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत नौ लक्ष्यों पर सटीक मिसाइल हमले किए, जिनमें से चार पाकिस्तान में और पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में थे, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे। अधिकारियों ने बताया कि भारतीय वायुसेना को खुफिया जानकारी मिली थी कि स्वास्थ्य केंद्रों की आड़ में आतंकी शिविर संचालित किए जा रहे हैं, ताकि इन ठिकानों पर नजर रखी जा सके। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता भारत की स्पष्ट तकनीकी और परिचालनात्मक बढ़त को दर्शाती है, जब भारत के राफेल और पाकिस्तान के एफ-16 और जेएफ-सीरीज के जेट विमानों को आमने-सामने रखा जाता है।
राफेल मतलब तेज हवा का झोंका
राफेल फ्रेंच भाषा का शब्द है इसका शाब्दिक अर्थ है हवा का तेज झोंका। लेकिन पाकिस्तान व उसके वजीर-ए-आला के लिए इसका अर्थ है डर का तेज झोंका। 4.5 पीढ़ी के लड़ाकू विमान के रूप में वर्गीकृत राफेल, भारतीय वायुसेना के शस्त्रागार में सबसे उन्नत विमान है। भारत के राफेल में भारत-विशिष्ट 13 संवर्द्धन हैं, जिनमें उल्का परे-दृश्य-सीमा (बीवीआर) मिसाइल, उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध सूट और बेहतर रडार और संचार प्रणाली शामिल हैं। राफेल के थेल्स आरबीई2 एईएसए रडार और फ्रंटल स्टील्थ क्षमताएं बेजोड़ परिस्थितिजन्य जागरूकता और उत्तरजीविता प्रदान करती हैं। ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल किए गए स्कैल्प क्रूज मिसाइल और हैमर बम जैसे सटीक हथियारों को ले जाने की इसकी क्षमता, सटीक सटीकता के साथ गहरे हमले के मिशनों को संभव बनाती है।अमेरिका से पाकिस्तान को खैरात में मिले एफ-16 विमान बहुत शक्तिशाली हैं, लेकिन इनके अंतिम उपयोग पर सख्त प्रतिबंध हैं। अमेरिकी समझौतों के तहत, पाकिस्तान भारत के खिलाफ आक्रामक अभियानों के लिए एफ-16 या अमेरिका द्वारा आपूर्ति किए गए हथियारों का उपयोग नहीं कर सकता है। उनकी तैनाती आतंकवाद विरोधी और आंतरिक रक्षा भूमिकाओं तक ही सीमित है। लगभग 75 विमानों वाले इस बेड़े को वित्तीय बाधाओं और अमेरिकी निगरानी के कारण रखरखाव संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे परिचालन उपलब्धता सीमित हो रही है। हालांकि एफ-16 विमान हवाई लड़ाई में बेहतर हैं और एआईएम-120सी5 एएमआरएएएम मिसाइलों से लैस हैं, लेकिन इनमें राफेल की तरह उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और बीवीआर क्षमताएं नहीं हैं।
