भारत के हमले में आतंकी कारी मोहम्मद इकबाल की भी मौत हुई है। कारी इकबाल ही कोटली में चलने वाले आतंकी कैंप का कमांडर था। कारी इकबाल के साथ हमले में 10 अन्य आतंकी भी मारे गए हैं। ऑपरेशन सिंदूर में बिलाल आतंकी कैंप के प्रमुख याकूब मुगल की भी मौत हुई है। भारत की सशस्त्र सेनाओं द्वारा अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के परिवार के 10 लोगों की मौत हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मसूद अजहर ने बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है। बहावलपुर में आतंकी ठिकानों पर हुए हमले में मसूद अजहर के लोगों की मौत हुई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, आज शाम चार बजे बहावलपुर में मसूद अजहर के परिजनों को दफनाया जाएगा।
मसूद अजहर अपनों की मौत पर फूट-फूटकर रोया
मसूद अजहर ने बयान जारी कर बताया है कि हमले में उसके परिजनों के अलावा चार करीबी सहयोगी भी मारे गए हैं। बहावलुपर में जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह पर हुए हमले में जैश ए मोहम्मद चीफ मसूद अजहर की बड़ी बहन और उसके पति, भांजे और उसकी पत्नी और अन्य भतीजों और परिवार के पांच बच्चों की मौत हुई है। हमले में मसूद अजहर के करीबी सहयोगी और उसकी मां और दो अन्य करीबी सहयोगियों की भी मौत हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हमले में अपनों के मारे जाने पर मसूद अजहर फूट-फूटकर रोया। भारत के हमले में आतंकी कारी मोहम्मद इकबाल की भी मौत हुई है। कारी इकबाल ही कोटली में चलने वाले आतंकी कैंपों का कमांडर था। कारी इकबाल के साथ हमले में 10 अन्य आतंकी भी मारे गए हैं। ऑपरेशन सिंदूर में बिलाल आतंकी कैंप के प्रमुख याकूब मुगल की भी मौत हुई है।
जैश ए मोहम्मद का मुख्यालय है मरकज सुभान अल्लाह
मरकज सुभान अल्लाह कराची-तोरखाम राजमार्ग पर बहावलपुर के बाहरी इलाके में स्थित है। यह जैश ए मोहम्मद का मुख्य आतंकी प्रशिक्षण केंद्र है, जो 15 एकड़ इलाके में फैला है। मरकज सुभान अल्लाह जैश का संचालनात्मक मुख्यालय माना जाता है और 2019 में जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की योजना यहीं बनाई गई थी। मौलाना मसूद अजहर का घर मरकज सुभान अल्लाह में ही है, लेकिन फिलहाल पाकिस्तानी सेना ने उसे भारत के हमले के डर से किसी अज्ञात स्थान पर छिपाया हुआ है। जैश ए मोहम्मद को साल 2001 में भारत ने आतंकी संगठन घोषित किया था। उसके बाद से कई अन्य देश भी इसे आतंकी संगठन घोषित कर चुके हैं। मरकज सुभान अल्लाह का निर्माण साल 2015 में हुआ है और इसके लिए पाकिस्तानी सरकार ने फंडिंग दी। साथ ही जैश ने अरब और अफ्रीकी देशों से भी फंड इकट्ठा किया।
