मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षक समय के साथ बदलें। पाठ्यक्रम को उबाऊ न होने दें। नवाचार करें। बच्चों को छोटे-छोटे उदाहरणों से समझाएं। विकसित भारत में शिक्षकों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रहने वाली है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश बदल रहा है। आज का भारत आत्मविश्वास से भरा हुआ है जो कि हर चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह सक्षम है। अभी कल ही दुनिया ने देखा कि हमने पाकिस्तान की मांद में घुसकर सबक सिखाया। ये विकसित भारत है और हमारा तो इतिहास रहा है कि हमने कभी किसी दूसरे देश में घुसकर हस्तक्षेप नहीं किया है। हम किसी को छेड़ते नहीं है पर जो हमें छेड़ता है हम उसको छोड़ते भी नहीं है।उन्होंने कहा कि बदलते भारत में शिक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। शिक्षक नवाचार करें। समय पर कक्षा पहुंचे और बच्चों के पाठ्यक्रम को उबाऊ न होने दें। उनके सामने अच्छा आचरण करें क्योंकि ये वर्तमान पीढ़ी के साथ ही भविष्य की पीढ़ी के लिए भी जरूरी है। विकसित भारत की आधारशिला विद्यालय से रखी जाए क्योंकि यूपी आज बीमारू राज्य नहीं है। वह देश के ग्रोथ इंजन का हिस्सा है। देश की तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था है। यहां प्रतिभा, पोटेंशियल की कमी पहले भी नहीं थी किंतु सही दृष्टि नहीं थी। आज यूपी सरप्लस स्टेट है। आज नियुक्ति पत्र पाने वाले युवा युवा विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में अपना योगदान दें। शिक्षक नवाचार करें, एनईपी को बेहतर तरीके से लागू करें।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बृहस्पतिवार को लखनऊ के लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में सहायक अध्यापकों व प्रवक्ताओं को नियुक्ति पत्र वितरित करने के बाद संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में नौकरी पाने के लिए सिफारिश की जरूरत नहीं है। पूरी चयन प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी है। 2017 के पहले माध्यमिक शिक्षा की हालत अच्छी नहीं थी। हमने इसमें नवाचार किए और अब स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। समारोह में माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने कहा कि और सभी शिक्षकगण मैं आप सबका इस कार्यक्रम में अभिनंदन करते हुए नवनियुक्त शिक्षकों को हृदय से बधाई देती हूं। मुख्यमंत्री के निर्देशन में माध्यमिक शिक्षा विभाग के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में चयनित 49 प्रवक्ताओं तथा 494 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि कर गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से निष्पक्ष व पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों का चयन और समुचित उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए शैक्षणिक व्यवस्था में परिवर्तन किया जा रहे हैं।परीक्षा की व्यवस्था की गई है और नई प्रक्रिया से राजकीय विद्यालय में 8423 और सहायता प्राप्त विद्यालयों में 34074 अध्यापकों का चयन किया जा चुका है। माध्यमिक विद्यालय में सुविधाओं के विकास हेतु प्रोजेक्ट अलंकार संचालित किया जा रहा है जिसके अंतर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष में कुल 508 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की गई है।इसी प्रकार सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय संस्कृत विद्यालय के लिए 14 करोड़ की धनराशि दी गई है। हमारी सरकार द्वारा विद्यार्थियों को राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा हेतु सक्षम बनाने के लिए एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया गया है। यहां पर प्रदेश में शिक्षा के हेतु आधुनिक विषयों का समावेश तथा एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तक लागू की गई है। नियमित शिक्षक के आने तक मानदेय के आधार पर शिक्षक नियोजित किए गए हैं और उक्त के अतिरिक्त सेवानिवृत शिक्षकों के पूल के रिक्त पदों पर मानदेय के आधार पर सत्र के अंत तक शिक्षण व्यवस्था भी की गई है।मुख्यमंत्री योगी के प्रभावी मार्गदर्शन में हम नकल विहीन परीक्षा कराने में सफल रहे हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की संकल्पना को वास्तविक रूप देने के लिए कार्य योजना विकसित कर अग्रसर है।
