रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने मंगलवार को पाकिस्तान से लगती सीमा पर राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य को लेकर व्यापक समीक्षा की। बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और वायु सेना उपप्रमुख एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी शामिल हुए।अधिकारियों ने बताया कि बैठक में पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा स्थिति और संबंधित मुद्दों की समीक्षा की गई। ऐसा बताया जा रहा है कि सिंह ने सेना से पाकिस्तान की किसी भी सैन्य कार्रवाई से निपटने के लिए उच्च स्तर की युद्ध तत्परता बनाए रखने को कहा है।यह समीक्षा बैठक भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) द्वारा ‘शत्रुतापूर्ण’ सैन्य कार्रवाइयों से बचने के तरीकों पर विचार-विमर्श करने और सीमाओं व अग्रिम क्षेत्रों से दोनों सेनाओं के सैनिकों को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने पर विचार करने के एक दिन बाद हुई।ऐसा माना जा रहा है कि बैठक में दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच हुई बातचीत के नतीजों पर भी चर्चा की गई। भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत छह और सात मई की दरमियानी रात आतंकी ढांचे पर सटीक हमले किए।भारतीय कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने आठ, नौ और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। पाकिस्तानी प्रयासों का भारत ने कड़ा जवाब दिया तथा पाकिस्तानी वायुसेना के ठिकानों, वायु रक्षा प्रणालियों, कमान एवं नियंत्रण केंद्रों तथा रडार स्थलों सहित कई प्रमुख पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को भारी क्षति पहुंचाई।विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने शनिवार शाम घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान जमीन, हवा और समुद्र में सभी गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने के लिए एक सहमति पर पहुंच गए हैं।
