यूपी कैबिनेट ने बृहस्पतिवार को कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी है। प्रदेश में सीड पार्क बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इससे करीब 15000 लोगों को रोजगार मिलेगा।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को सराहा गया और प्रशंसा की गई। इसके अलावा कैबिनेट ने कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।बैठक के बाद फैसलों की जानकारी देते हुए यूपी सरकार के मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि यूपी में बीजों के प्रसंस्करण के लिए चौधरी चरण सिंह के नाम पर सीड पार्क बनेगा। इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इसके तहत 270 लाख हेक्टेयर पर खेती की जाएगी।प्रदेश के लिए लिए 70 लाख कुंतल बीज की जरूरत है। अभी यूपी में 40 लाख कुंतल बीज का ही उत्पादन हो रहा है। 10 क्लाइमेट जोन में स्थापित किए जाएंगे। पहला अटारी पार्क होगा। इसमें 270 करोड़ का खर्च आएगा। सीड पार्क में हाईब्रिड सीड बनेगा। इससे डेढ़ गुना उत्पादन बढ़ेगा।6500 करोड़ बीज पर खर्च होंगे। सीड उत्पादक कंपनियों को लीज पर जमीन दी जाएगी। इससे 15000 लोगों को रोजगार मिलेगा। अभी 3500 करोड़ का ही उत्पादन हो रहा है। 36 कंपनियों ने रुचि जाहिर की है। बड़ी कंपनियों के आने का रास्ता खुलेगा।- बैठक में नगर विकास विभाग के प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। यह योजना 2016 से भारत सरकार के सहयोग से चल रही है। अमृत एक योजना में 328 कार्य दिए गए थे। 307 हो गए हैं 60 निकायों में। दूसरे चरण में 529 काम दिए गए थे। – यूपी दुग्धशाला विकास एवं उत्पादन नीति को मंजूरी दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना को मंजूरी दी। इसमें छोटे निवेशक आयेंगे। खाद्य प्रसंस्करण में पांच करोड़ का अनुदान दिया गया है। नई दुग्ध इकाई में 35 फीसदी तक की सुविधा होगी। अब बड़े निवेशक आयेंगे। कई मद में अनुदान दिया जाएगा।
– वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम सभा में प्रधान का मानदेय आदि पर खर्च को लेकर ग्राम सभा को मिलने वाला फंड कम पड़ जाता है। ग्राम सभाएं अपनी आय बढ़ाएं। जो ग्रामसभा जितना आय करेगी उसका पांच गुना बजट दिया जाएगा। इसके लिए सौ करोड़ की व्यवस्था बजट में है। अगर कोई व्यक्ति बरातघर बनवाता है तो 60 फीसदी धनराशि दान से और 40 फीसदी सरकार के देने का प्रावधान है। 60 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में बारातघर बनेंगे।
– नागरिक उड्डयन निदेशालय में संविदा कर्मचारियों के वेतन का पुनर्निधारण किया गया। उन्हें सातवें वेतनमान का लाभ नहीं मिल पा रहा था। 18 पायलट हैं और अन्य 150 से ज्यादा पद हैं। पायलट ज्यादा पैसे की वजह से छोड़ कर जा रहे हैं।
