लखनऊ। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चरणबद्ध एवं समयबद्ध लक्ष्य प्राप्ति एवं उच्च गुणवत्ता की ग्रामीण सड़कों को बनाये जाने पर विशेष ध्यान दिया जाये तथा भविष्य में एफडीआर तकनीक को प्राथमिकता देते हुये नये मार्गों का निर्माण प्रस्तावित किया जाये तथा एफडीआर तकनीक को बढ़ावा दिया जाए। इस हेतु कान्ट्रेक्टर्स के साथ मीटिंग करते हुये अच्छा संवाद बनाए रखा जाए तथा निर्माण कार्य में गुणवत्ता व मानकों का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए।उप मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम मे ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण द्वारा सड़क निर्माण की गति बढ़ाने के लिये निरन्तर न्यूनतम 05 एफडीआर कॉन्ट्रैक्टर्स की समीक्षा बैठक प्रत्येक दिन की जा रही है, जो, एफडीआर कार्य समाप्ति तक ,न्यूनतम 3-4 महीने चलती रहेगी।उप मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम मे सुखलाल भारती, मुख्य कार्यपालक अधिकारी ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण द्वारा ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के राज्य गुणवत्ता समन्वयक एवं यंग सिविल इंजीनियर्स के साथ मंगलवार को लखीमपुर खीरी के पैकेज सं० यूपी-44139, मार्ग-एलबीबी एसएच-90 किमी-25 बिजुआ-अलीगंज, ब्लाक-बिजुआ एवं पैकेज सं यूपी-44154, मार्ग-एनपीडीपी किमी-34 आरएस से टापरपुरवा मार्ग, ब्लाक पलिया का निरीक्षण किया गया। मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा पैकेज सं यूपी-44139, मार्ग-एलबीबी एसएच-90 किमी-25 बिजुआ-अलीगंज, ब्लाक-बिजुआ का कार्य पूर्ण एवं संतोषजनक पाया गया। पैकेज सं यूपी 44154, मार्ग-एनपीडीपी किमी-34 आरएस से टापरपुरवा मार्ग, ब्लाक पलिया का कार्य जी-3 लेवल प्रगति पर पाया गया, जिसमें आवश्यक सुधार हेतु निर्देश निर्गत किये गये। मुख्य अभियंता राज्य ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण राज कुमार चौधरी ने बताया कि वर्तमान में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के स्वीकृत मार्ग 18495 किमी के सापेक्ष 13500 किमी का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसमें 1500 किमी एफडीआर ग्रामीण मार्गों का निर्माण किया गया है। 4000 किमी एफडीआर मार्गों का निर्माण प्रगति पर है।
