Breaking News
Home / उत्तर प्रदेश / लखनऊ / उपभोक्ता परिषद राष्ट्रपति और केंद्र सरकार बतायेगा निजीकरण का खेल

उपभोक्ता परिषद राष्ट्रपति और केंद्र सरकार बतायेगा निजीकरण का खेल


लखनऊ। भारत सरकार ने 20 जुलाई 2021 को कैबिनेट की अनुशंसा के बाद माननीय राष्ट्रपति की अनुमति से पूरे देश में कुल लगभग 303758 करोड़ की पुनरोथान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस योजना) का नोटिफिकेशन जारी किया जो वित्तीय रूप से टिकाऊ और परिचालक रूप से कुशल योजना थी। जिसके माध्यम से उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में सुधार लाने सहित बिजली कंपनियों को आत्मनिर्भर बनाना था। यही नही एटीण्डसी हानियों को 12 से 15 प्रतिशत पर लाकर बिजली क्षेत्र के घाटे को समाप्त करना था। इस योजना में उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियों को 43454 करोड़ मिलना है। इस योजना की सफलता के लिए भारत सरकार ने कैबिनेट की मंजूरी से कई मॉनिटरिंग कमेटी भी बनाई जिसे मॉनिटरिंग करते हुए अपनी रिपोर्ट समय-समय पर प्रेषित करना था की योजना हर हाल में सफल होनी है। अब सवाल यह उठता है कि उत्तर प्रदेश में यह योजना वर्तमान में चल रही है निश्चित ही इस पर भारत सरकार के ऊर्जा सचिव की अध्यक्षता में जो मॉनिटरिंग कमेटी बनी है। उसके पास भी वित्तीय रिपोर्ट होगी कि उत्तर प्रदेश में यह योजना कहां तक पहुंची। कितना सफल हुई। लेकिन इसी बीच उत्तर प्रदेश में 42 जनपदों के निजीकरण का फैसला ले लिया गया जो पूरी तरह राष्ट्रपति की मंजूरी से लागू इस योजना का खुला उल्लंघन है। सिस्टम पर करोड़ों अरबो खर्च करके उसे सिस्टम को निजी घरानों को बेचने की बात करना भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला फैसला है। जिसकी उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा भारत सरकार द्वारा देश के सभी बिजली कंपनियों को मजबूत आधार देने के लिए यह योजना लागू की गई। उसमें उत्तर प्रदेश को भी शामिल किया गया। देश में कुल खर्च होने वाले बजट का लगभग 15 प्रतिशत धन उत्तर प्रदेश में खर्च हो रहा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के आधा से ज्यादा जनपदों का निजीकरण क्यों किया जा रहा है। क्या यह भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में जो लगभग 43454 करोड़ रूपया खर्च करके बिजली कंपनियों को सुधारा जा रहा है। इसका लाभ क्या देश के बड़े निजी घरानो को दिया जाना बड़ा भ्रष्टाचार नहीं है। बहुत जल्द ही इस बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा करने के लिए उपभोक्ता परिषद पूरे मामले को भारत सरकार व राष्ट्रपति को संदर्भित करेगा। जिससे इस बड़े भ्रष्टाचार पर पूर्ण विराम लग सके। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा यह बहुत बड़ा भ्रष्टाचार है कि सरकारी संपत्ति व विभाग को सुधारने के लिए इतनी बड़ी रकम खर्च की जा रही है। इसके बाद उसे निजी घर वालों को बेचने का मसौदा तैयार करने के लिए कंसल्टेंट का चयन किया जाना ही बड़ा भ्रष्टाचार है।

About United Times News

Check Also

उत्पादक कृत्रिम बुद्धिमत्ता व साइबर सुरक्षा पर अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशिक्षण

🔊 पोस्ट को सुनें लखनऊ। उत्तर प्रदेश को कृत्रिम बुद्धिमत्ता आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रमुख केंद्र …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Best WordPress Developer in Lucknow | Best Divorce Lawyer in Lucknow | Best Advocate for Divorce in Lucknow
× Join With Us