असम को बड़ी सौगातें देंगे PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के असम दौरे के दौरान जहां राज्य को बड़ी सौगातें मिलने जा रही हैं वहीं मणिपुर में अब पहले की अपेक्षा शांति दिखाई दे रही है हालांकि हिंसा की छिटपुट घटनाएं अब भी सामने आ रही हैं। वहीं मेघालय के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि जो भी उग्रवादी संगठन हथियार डालना चाहता है उसे अलग से कोई राहत नहीं दी जायेगी। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए इस सप्ताह अदालत के एक आदेश के बाद मुश्किलें बढ़ती नजर आईं। इसके अलावा भी पूर्वोत्तर भारत से कई समाचार रहे। आइये डालते हैं सब पर एक नजर और सबसे पहले बात करते हैं असम की। असम से आये समाचारों की बात करें तो आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन फरवरी को दो दिवसीय दौरे पर असम पहुंचेंगे और इस दौरान वह 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। यह जानकारी असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को दी। शर्मा ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के दौरे से पहले कई तैयारी बैठकों की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं अत्यंत प्रसन्नता के साथ यह साझा करता हूं कि हमारे लिए बड़े सम्मान की बात है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने असम आने और यहां के लोगों के साथ एक दिन बिताने के हमारे निमंत्रण को विनम्रतापूर्वक स्वीकार कर लिया है।’’ उन्होंने बताया कि मोदी कई कल्याणकारी परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे जो 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक अलग पोस्ट में कहा कि शर्मा ने प्रधानमंत्री के निर्धारित दौरे के मद्देनजर सचिवालय में विभिन्न विभागों के साथ कई बैठकें कीं। इसमें कहा गया है कि शर्मा ने दौरे से संबंधित सभी व्यवस्थाओं की समीक्षा की और अधिकारियों को इसकी सफलता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, असम पुलिस ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा से जोरहाट में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का मार्ग बदलने में उनकी भूमिका के बारे में बुधवार को पूछताछ की। पुलिस ने जोरहाट में यात्रा के लिए स्वीकृत मार्ग को कथित रूप से बदलने के लिए कांग्रेस के कई नेताओं के खिलाफ 18 जनवरी को प्राथमिकी दर्ज की थी। भारतीय दंड संहिता की नौ धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया, जिनमें कुछ धाराएं गैर-जमानती हैं। प्राथमिकी में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में सार्वजनिक संपत्ति क्षति रोकथाम अधिनियम, 1984 की धारा तीन को भी शामिल किया गया है। इसके बाद पुलिस ने बोरा, पूर्व विधायक राणा गोस्वामी, कांग्रेस की जोरहाट जिला इकाई के अध्यक्ष प्रतुल बोरगोहांई, जिला सचिव अभिजीत फुकन के साथ ही राहुल गांधी के करीबी नेता केबी बायजू को नोटिस जारी किये। जोरहाट सदर थाने के प्रभारी राहुल देवरी ने कहा, ‘‘बोरा आज आए और उनसे मामले में पूछताछ की गई। आगे पूछताछ के लिए उन्हें 12 फरवरी को दोबारा बुलाया गया है।’’ उन्होंने बताया कि गोस्वामी और बायजू को भी पूछताछ के लिए नोटिस जारी किए गए, लेकिन उन्होंने पुलिस को अपने आने में असमर्थता की सूचना दी और किसी और तारीख पर आने की अनुमति मांगी। अधिकारी ने बताया कि उन्हें 10 फरवरी को आने को कहा गया है। प्रदेश कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने बताया कि बोरगोहांई और फुकन से 29 जनवरी को पूछताछ की गई थी और उन्हें पांच फरवरी को जोरहाट सदन थाने में दोबारा आने को कहा गया है। बोरा ने थाने से निकलकर संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह राजनीति से प्रेरित मामला है। जिस जगह से हम पर जान-बूझकर अलग मार्ग पर जाने का आरोप लगाया गया है, वहां पर हमें रास्ता बताने के लिए कोई पुलिस नहीं थी।’’ जब उनसे पूछा गया कि क्या जमानत की मांग करेंगे तो उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कुछ गलत नहीं किया है। मुझे जमानत क्यों मांगनी चाहिए। पूरा देश और पूरा राज्य देख रहा है। सच की जीत होगी।’’ सोनितपुर जिले में यात्रा के दौरान बोरा पर हमला होने और उनकी नाक से खून बहने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘जिन दो गुंडों ने मुझ पर हमला किया और मेरे साथ मारपीट की, वे खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन हमारा उत्पीड़न हो रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री और उनके परिवार द्वारा असम में चल रही अंधाधुंध लूट को उजागर कर दिया था।’’
