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पीएम मोदी के कार्यकाल में कृषि क्षेत्र का चेहरा बदलने पर जोर


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 10 साल के कार्यकाल में कृषि क्षेत्र में कई अभिनव प्रयोग हुए हैं। कृषि बजट के साथ सरकारी खरीदी का भी कीर्तिमान बना है। सरकार का पूरा जोर आमूल-चूल बदलाव पर रहा। किसान सम्मान निधि के तहत अधिक आवंटन और वैज्ञानिक पद्धति को अपनाना सबसे चर्चित रहा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले हैं। बीते 10 साल में केंद्र सरकार का सारा जोर कृषि क्षेत्र का चाल, चरित्र और चेहरा बदलने पर रहा। इस दौरान बजट आवंटन से लेकर किसानों के उत्पादों की खरीद और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तक में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई। किसानों को समृद्ध बनाने के लिए मोदी सरकार ने कई अहम योजनाओं और नीतियों की शुरुआत की। सरकारी खरीद के दायरे में दूसरे उत्पादों को भी शामिल करने के साथ तकनीक आधारित खेती की दिशा में भी कई अभिनव प्रयोग हुए।बजट की बात करें तो बीते दस सालों में इसमें 5.26 गुना बढ़ोतरी हुई। साल 2018 में शुरू हुई किसान सम्मान निधि के तहत 11 करोड़ किसानों को 2.81 लाख करोड़ रुपये की मदद दी गई। खरीफ, रबी और वाणिज्यिक फसलों की एमएसपी पर 50 फीसदी से भी अधिक वृद्धि की गई। किसानों के लिए सस्ती दर पर 20 लाख करोड़ के ऋण की व्यवस्था की गई। इसमें पहली बार पशुपालकों और मत्स्यपालकों को भी शामिल किया गया।
नकदी फसलों के लिए विशेष व्यवस्था
परंपरागत खेती की जगह नकदी फसलों के जरिए किसानों को समृद्ध करने के लिए सरकार ने विशेष व्यवस्था की। राष्ट्रीय कृषि बाजार और ग्रामीण कृषि बाजार के जरिए बांस, पान के पत्ते, नारियल, स्वीट कॉर्न जैसी फैसलों का व्यापार 3.19 लाख करोड़ तक पहुंचा। बुनियादी ढांचा विकास के लिए एक लाख करोड़ का कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड स्थापित किया गया।
सिंचाई योजना, वन ड्रॉप मोर क्रॉप से बदली तस्वीर
मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान फसल बीमा योजना के तहत कवर एरिया में रिकार्ड बढ़ोत्तरी हुई। खासतौर पर वन ड्रॉप मोर क्रॉप कार्यक्रम की बड़ी चर्चा हुई। इस कार्यक्रम के तहत राज्यों को 18726.61 रुपये आवंटित किए गए। 5000 करोड़ का सूक्ष्म सिंचाई कोष स्थापित किया गया। 78.47 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली में शामिल किया गया।
स्टार्ट अप, ड्रोन योजना की चर्चा
बीते चार साल में नॉलेज पार्टनर्स और एग्री बिजनेस इनक्यूबेटर्स द्वारा 1,524 स्टार्ट अप का चयन किया गया। इन्हें 106.25 करोड़ रुपये जारी किए गए और 5 नॉलेज पार्टनर्स के साथ 24 कृषि व्यवसाय इनक्यूबेटरों को मंजूरी दी गई। खेती में ड्रोन के प्रयोग को एतिहासिक बढ़ावा मिला। महिला स्वयं सहायता समूहों को अगले दो साल में ड्रोन उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
तकनीक को बढ़ावा
कृषि क्षेत्र में तकनीक को बढ़ावा देने के लिए कृषि यंत्रीकरण एवं फसल अवशेष प्रबंधन को 6405.55 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। किसानों को सब्सिडी पर 15,23,650 मशीनें और उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। किसानों को किराए पर कृषि उपकरण देने की व्यवस्था की गई।
किसान रेल की शुरुआत
कृषि उत्पादों को खराब होने से बचाने और बेहतर कीमत दिलाने के लिए किसान रेल की शुरुआत की गई। परिवहन भाड़े में किसानों को 45 फीसदी सब्सिडी दी गई। अन्न श्री की उपज को प्रोत्साहित करने के लिए भी सरकार ने कई योजनाएं और कार्यक्रम बनाए।

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