संभल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछली सरकारों पर जमकर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि आज भारत में बेहतर नेतृत्व क्षमता है। हर नागरिक को सुरक्षा और समृद्धि के नए सोपान तक पहुंचाने का संकल्प भी है। आजादी के बाद पहली बार 140 करोड़ की आबादी का भारत महसूस कर रहा है कि देश की सीमाएं सुरक्षित हैं।संभल में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हमने नए भारत को देखा है। लोगों को आस्था के साथ आजीविका की भी गारंटी मिली है। यही मोदी की गारंटी है। पहले की सरकारें न आजीविका दे पाईं और न ही आस्था को सम्मान दे सकीं। देश में जो नामुमकिन था, अब मुमकिन हुआ है। सीएम सोमवार को संभल जिले के ऐंचोड़ा कंबोह में आयोजित श्री कल्कि धाम शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। सीएम ने कहा कि देश नए भारत में विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। अयोध्या में श्रीराममंदिर, अबू धाबी में नारायण मंदिर की स्थापना के बाद पीएम मोदी संभल आए हैं।अबू धाबी में किसी हिंदू मंदिर का होना कभी कल्पना थी, आज वह साकार हो रही है। नए भारत में हर नागरिक को सुरक्षा और समृद्धि के नए सोपान तक पहुंचाने का संकल्प भी है। आजादी के बाद पहली बार 140 करोड़ की आबादी का भारत महसूस कर रहा है कि देश की सीमाएं सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण, अयोध्या धाम में रामलला का विराजमान होना, केदारनाथ और बद्रीनाथ का पुनरुद्धार, महाकाल में महालोक की स्थापना नए भारत की तस्वीर है। अब हर युवा को आजीविका के साथ आस्था की गारंटी मिल रही है। पहले की सरकारों ने लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया।वे न तो आस्था का सम्मान कर पाए और न ही आजीविका के संसाधन उपलब्ध करा पाए। मगर, आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की परंपराओं को वैश्विक मान्यता मिल रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास तेजी से हुआ है। उन्होंने कहा कि आज यहां प्रधानमंत्री का आगमन हुआ है, जहां कलियुग और सतयुग के संधिकाल में भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि का अवतरण होगा। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद जो शुरुआत हुई है, उसी क्रम में प्रधानमंत्री यहां पहुंचे हैं। सीएम योगी ने अपने संबोधन की शुरुआत यशस्वी प्रधानमंत्री कहकर की और समापन जय-जय श्रीराम के जयकारे के साथ किया।
योग को दिलाई वैश्विक मान्यता
सीएम ने कहा कि अब भारत की विरासत भी वैश्विक मंच पर सम्मानित होती है। पीएम मोदी ने योग को वैश्विक मान्यता दिलाई। 21 जून को जब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में किसी स्थान पर लोग योग करते हैं तो दुनिया के करीब दो सौ देश भारत की इस परंपरा से जुड़ जाते हैं।
ओडीओपी से चीन को टक्कर दे रहा देश
सीएम ने अपने संबोधन में मुरादाबाद के पीतल, संभल के सींग के बटन, अमरोहा के ढोलक कारोबार का जिक्र किया। कहा कि एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के जरिये देश चीन को टक्कर दे रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम विश्वकर्मा योजना के जरिये विकास के क्षेत्र में हस्तशिल्प को आगे बढ़ाने का काम किया है। पहले यहां तकनीक नहीं थी।आज कॉमन फैसिलिटी सेंटर बनाकर संभल जनपद के अंदर भी बटन बनाने की परंपरागत व्यवस्था को नई तकनीक से जोड़ा गया है। एक जिला एक उत्पाद और पीएम विश्वकर्मा योजना के जरिये संभल के बटन वैश्विक मंच पर चीन के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। मुरादाबाद के पीतल आइटम हों या अमरोहा की ढोलक, ये एक नई पहचान के साथ आगे बढ़ रहे हैं। ये चीजें पहले भी थीं लेकिन उचित मंच न मिलने के चलते लोगों में हताशा और निराशा थी।
मुरादाबाद से जल्द शुरू होगी हवाई सेवा
सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुरादाबाद के पीतल उद्योग के साथ-साथ यहां की बहुप्रतीक्षित हवाई सेवा का भी जिक्र किया। सीएम ने कहा कि मुरादाबाद में जल्द ही एयरपोर्ट शुरू होने वाला है। इसके बाद यहां के लोग हवाई सफर कर सकेंगे। सीएम योगी ने अपने संबोधन के दौरान गंगा एक्सप्रेसवे का भी जिक्र किया। सीएम ने कहा कि संभल में गंगा एक्सप्रेसवे तेजी के साथ बन रहा है। यहां पर औद्योगिक कलस्टर भी विकसित होने जा रहा है। आने वाले समय में संभल से प्रयागराज की दूरी कम हो जाएगी। डबल इंजन सरकार का प्रयास है कि 2025 में जब प्रयागराज में कुंभ हो तो गंगा एक्सप्रेसवे के जरिये वेस्ट यूपी के लोग आसानी से वहां पहुंच सकें।
लाउडस्पीकर से एक किमी तक सुनाई दिया भाषण
श्री कल्कि धाम के शिलान्यास कार्यक्रम की आवाज एक किलोमीटर के दायर तक लोगों तक पहुंची। भजन और काव्य पाठ से आयोजन शुरू किए गए। भजन की प्रस्तुति कन्हैया मित्तल और काव्यपाठ अनामिका अंबर ने किया। बाद में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने भी संबोधित किया। प्रशासन ने लाउडस्पीकर करीब एक किलोमीटर के दायरे में लगाए थे। इससे वे लोग भी कार्यक्रम सुन सके जो दूर खड़े थे। ये लाउडस्पीकर मेरठ से मंगाए गए थे। पंडाल में 30 हजार लोगों के लिए व्यवस्था की गई थी। बड़ी संख्या में लोग पहुंचे तो लोगों को इधर-उधर जाकर खड़ा होना पड़ा। कार्यक्रम के लिए कल्कि धाम परिसर के अलावा किसानों के खेत में भी व्यवस्था बनाई गई थी।
