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विभिन्न लंबित मांगों पर शासनादेश निर्गत किए जाने पर अभियंताओं ने सीएम धामी का जताया आभार


देहरादून उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ ने विभिन्न लम्बित मांगों पर शासनादेश निर्गत किए जाने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का एक समारोह में आभार व्यक्त करने के साथ अभिनन्दन किया।मुख्य सेवक सदन में आयोजित अभिनंदन समारोह में मुख्यमंत्री धामी ने महासंघ के सभी पदाधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य के कुशल और प्रतिभाशाली इंजीनियर, राष्ट्र एवं राज्य के निर्माण में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं। इंजीनियर हमारे राज्य की प्रगति का मुख्य स्तंभ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कथन अनुसार 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का बनाने पर निरंतर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अंतर्गत बनने वाले बुनियादी ढांचे, विभिन्न विकास योजनाओं, सरकारी भवनों, आदि हमारी प्रदेश में विकास को सुनिश्चित करता है। ऐसे में इन बुनियादी ढांचोंध्निर्माण कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नही होना चहिए। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखना तकनीकि संगठनों के ही हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने आह्वान किया कि इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें कि राज्य में किसी भी विकास योजना एवं परियोजना बुनियादी ढांचे के विकास से लेकर तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। धामी ने कहा कि इन्वेस्टर ग्लोबल समिट में 3.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक के समझौते पर हस्ताक्षर हुए। अब तक 71,000 करोड़ रुपए एमओयू की ग्राउंडिंग हो चुकी है। योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीबी) का गठन किया है। उन्होंने कहा कि कालसी में हरीपुर धाम विकसित किया जा रहा है। कैंची धामी, मां पूर्णागिरी मन्दिर का विकास कार्य जारी है। इसके अलावा 30 नई नीतियों को लाया गया है। विकास के चौमुखी कार्य प्रगति पर हैं। राज्य सरकार प्रदेश की जनता के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने समान नागरिक संहिता, सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू, धर्मांतरण कानून, दंगारोधी कानून जैसे बड़े एवं कड़े फैसले लिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ की वर्षों से लम्बित समस्याओं का समाधान किया है। विभिन्न अभियन्त्रण विभागों में काम कर रहे कनिष्ठ अभियन्ता और अपर सहायक अभियन्ताओं के लिए वाहन भत्ते में वृद्धि करने के निर्णय के साथ, प्रथम बार सहायक अभियन्ताओं को भी वाहन भत्ते के रूप में 4000 रुपए अनुमन्य किए गए हैं, साथ ही 1000 कनिष्ठ अभियन्ताओं को 10 वर्ष की निरन्तर सेवा पर उच्च वेतन का लाभ प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि कनिष्ठ अभियन्ताओं को अपर सहायक अभियन्ता के पदों में वेतन विसंगति को दूर करने का निर्णय भी लिया गया है। इससे निश्चित ही सरकार के प्रयासों के माध्यम से कनिष्ठ अभियन्ताओं और सहायक अभियन्ताओं के मनोबल में वृद्धि होगी। धामी ने कहा कि सरकार जनता की परेशानी को अपनी परेशानी समझकर उसका निदान कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के साथ चलने का मंत्र दिया है। उन्होंने कहा कि हम समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचकर उसकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। देवभूमि को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाना हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है।

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