लखनऊ। बाराबंकी में सियासत पहले देवां में जो रब है वही राम का संदेश देने वाले सूफी हाजी वारिस अली शाह के मजार पर चादर चढ़ाकर शुरू की जाती थी। बड़े बड़े नेता आते थे,लेकिन अब तो चादर चढ़ाने का चलन भी खत्म सा हो गया है। अगले शनिवार यानि 18मई को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी बाराबंकी में एनडीए के उम्मीदवार तनुज पुनिया के पक्ष वोटरों में जोश भरने रामनगर पहुंच रहे हैं तो दूसरी ओर देश मे के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल ही यानि 17 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा कर एनडीए प्रत्याशी बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरी राजरानी रावत के पक्ष में हवा बनाने पहुंच रहे हैं। बाराबंकी वैसे तो समाजवादी गढ़ माना जाता है लेकिन वीते दस वर्षों में यह गढ़ दरक गया है। दस साल से यहाँ भगवा लहरा रहा है। इस बार समाजवादी पार्टी खुद लड़ने के बजाय कांग्रेस पार्टी के समर्थन में उतरी है। अब इस दफा या तो कांग्रेसी ध्वज लहरायेगा या फिर भगवा, सियासी जानकार दावा कर रहे हैं। इलेक्शन बहुत कांटे का है। कांग्रेस का बाराबंकी में जनाधार कितना है, सब जानते हैं लेकिन समाजवादी पार्टी की ताकत को इनकार नहीं किया जा सकता है।अब समीकरण बदल गये हैं। अब देखना है दो परस्पर विरोधी धुरंधर दो दिन में बाराबंकी में क्या गुल खिला देंगे। आज के राहुल गाँधी की शखघ््िसयत और ऊँचे कद की गवाह है। दुनिया की निगाह में राहुल गाँधी, मानवीय सभ्यता की खिसकती दीवार के रक्षक बने, खड़े दिखायी देते हैं। आज सारी दुनिया राहुल गाँधी को बड़ी बारीकी और हसरत भरी निगाह से देख रही है। दुनिया का समाज वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री, बुद्धिजीवी, पत्रकार और उत्साही युवक राहुल गाँधी के साथ संवाद का लालाइत है। दुनिया उस नौजवान के प्रति जिज्ञासु है, जो अभी अपने इतने बड़े भूखंड और बडी आबादी वाले देश को पैदल डग भरता, लोगों को बगैर किसी भेदभाव के गले लगाता, हजारो किलो मीटर चलकर आया है।राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा,भारत का वह अधनंगा फकघ्ीर जो बांस के एक डंडे के सहारे पूरे देश को नाप चुका था, वह करीब तीस के दशक में बाराबंकी से होकर गुजरा। अतीत के पन्नों में दर्ज है कि गांधी एक बार बाराबंकी में ठहरे थे, लेकिन बाराबंकी की बड़ी ख्वाहिश थी कि गांधी के कदम उनकी माटी को फिर छुए लेकिन बाराबंकी की यह आस अधूरी रह गई। महात्मा गाँधी फिर कभी बाराबंकी नहीं गये, परंतु आज बाराबंकी खुश है कि गाँधी जी नहीं आए, कोई बात नहीं, उन्ही की डगर पर चलता आज का गाँधी आने वाला है। १८ मई को रामनगर स्थित महादेवा की पावन धरा पर जनसंवाद करेंगे। वह जनसभा को संबोधित करेंगे।राहुल गाँधी जहाँ पहुँच रहे हैं, आयोजन स्थल पहले से ही खचाखच भरा मिल रहा है और लोग राहुल गाँधी को सुन रहे हैं। जनता लोकसभा और विधानसभा का अंतर जानती है। वह धार्मिक और जातीय आधार पर बंटना नहीं चाहती है। उत्तर प्रदेश में पांचवें चरण की सीटों पर प्रचार तेज हो गया है। जहां २० मई को मतदान होना है। बाराबंकी सु. सीट पर कई राजनैतिक दिग्गजों के दौरे भी होने वाले हैं। शनिवार को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी युवाओं मे रामनगर पहुंच रहे हैं तो वहीं एक दिन पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा है।बाराबंकी संसदीय सीट पर कांग्रेस नेता एवं पूर्व सांसद डॉ पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया गठबंधन से कांग्रेस उम्मीदवार है। तनुज पुनिया का भाजपा उम्मीदवार राजरानी रावत से कांटे का मुकाबला है। सपा और कांग्रेस मिलकर इंडिया का झण्डा बुलंद करने की खातिर दिन रात एक किये हैं। बीजेपी यानि एनडीए भी कोई कोर कसर बाकी नही छोड़ने वाली है।एनडीए के घटक अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल भी बाराबंकी आकर बीजेपी की प्रत्याशी राजरानी रावत के समर्थन तर्क दे गई हैं।अनुप्रिया पटेल कुर्मी समाज से आती है। लड़ाई इंडिया बनाम एनडीए है। कड़ी जंग है लेकिन कुछ लोगों की माने तो बाराबंकी में टिकट को लेकर हुई जोड़तोड़ भितरघात की ओर भी इशारा कर रही है। अब एनडीए और इंडिया के बड़े लीडरों की दो दिन में होने वाली आमद क्या रंग लायेगी, इस पर सबकी नजर है।
