लखनऊ। आखिरी चरण का चुनाव उत्तर प्रदेश के दिग्गज नेताओं के रणनीतिक कौशल व लोकप्रियता का इम्तिहान ले रहा है। पहली जून को वोटर देंगे नम्बर,रिजल्ट चार जून को सुनायेगा आयोग। कुछ दिग्गज चुनाव मैदान के बाहर से ही दांवपेंच चल कर अपनों को विजयी बनाने में जुटे हैं तो कुछ मैदान में हैं और एड़ी चोटी जोर लगाए हैं।वाराणसी भी इसी आखिरी चरण में है जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ रहे हैं। यूपी का सातवां व आखिरी चरण का चुनाव सबसे रोचक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार वाराणसी चुनाव लड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री के मामले में वाराणसी से पहले यह गौरव लखनऊ व फूलपुर को मिला। प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू फूलपुर से लगातार तीन बार चुनाव लड़े और जीते। अटल बिहारी वाजपेयी लखनऊ से लगातार पांच बार चुनाव लड़कर जीते। भाजपा ने अपने प्रत्याशियों की सूची में सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम घोषित किया था। अब सारे देश की निगाहें इस सीट पर टिकी हैं। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से तीसरी बार लड़ रही हैं। अपना दल सोनेलाल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल को सहयोगी दल भाजपा से एक सीट राबर्टसगंज सीट भी मिली है। उन्हें खुद अपनी सीट तीसरी बार जीतने और दूसरी सीट जिताने की जिम्मेदारी निभानी है। उन्हें इस बार चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है। केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय जीत बरकरार रखने की जद्दोजहद में लगे हैं। उनपर अपनी जीत की हैट्रिक बनाए रखने की चुनौती है। प्रियंका गांधी व ओम प्रकाश राजभर व रघुराज प्रताप सिंह समेत कई नेता चुनाव मैदान से बाहर हैं लेकिनअपनों को जिताने में उनके रणनीतिक कौशल की परीक्षा सातवें चरण में है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पूर्वांचल की तमाम सीटों पर सघन प्रचार अभियान चला रही हैं। गठबंधन के साथी सपा के साथ उन्होंने वाराणसी में अपने प्रत्याशी अजय राय के समर्थन में रोड शो कर विपक्षी गठबंधन की मौजूदगी जताने की कोशिश की है। रायबरेली व अमेठी के अलावा यूपी के बाकी हिस्सो में भी रैलियां व रोड शो उन्होंने किए हैं। अब उनका फोकस सातवें यानि आखिरी चरण पर है। योगी सरकार में हाल में मंत्री बने ओम प्रकाश राजभर के लिए घोसी सीट का चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बना है। अपने बेटे अरविंद राजभर को जिताने के लिए उन्होंने एड़ी चोटी जोर लगा रखा है। रघुराज प्रताप सिंह ने अपने इलाके से बाहर मिर्जापुर में भी अपनी सियासी धमक सुनाने की तैयारी की है। अनुप्रिया पटेल से सियासी विवाद के बीच उन्होंने मिर्जापुर में सपा कांग्रेस गठबंधन को समर्थन दे दिया है। मुख्तार अंसारी के निधन के बाद उससे उपजी सहानुभूति का लाभ घोसी, गाजीपुर व बलिया तक पड़ सकता है। इसी असर की उम्मीद में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी उत्साहित हैं। गाजीपुर में मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी खुद प्रत्याशी हैं तो राजीव राय घोसी में सपा से चुनाव लड़ रहे हैं। बलिया से सपा के सनातन पांडेय को भी लाभ की उम्मीद है। बलिया की दो विधानसभा सीटें जहूराबाद व मोहम्मदाबाद में मुख्तार परिवार का असर माना जाता है। इसके अलावा योगी सरकार के दो और मंत्री एके शर्मा और दारा सिंह चौहान भी इसे इलाके से हैं, उनपर भी जिम्मेदारी पार्टी नेतृत्व ने डाली है, उनका भी इम्तिहान सातवें चरण में मतदान के साथ हो जायेगा। आखिरी फेज का इलेक्शन बहुत कुछ तय करने वाला है।
