इंदौर मध्य प्रदेश की सबसे चर्चित सीट इंदौर में भाजपा प्रचंड जीत हासिल की है। भाजपा नेता शंकर लालवानी ने देशभर में सबसे ज्यादा मत हासिल करने वाले उम्मीदवार बने हैं। उन्होंने 11 लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की है। कलेक्टर आशीष सिंह ने उन्हें प्रमाणपत्र सौंपा है। इंदौर के इतिहास में पहली बार है कि कांग्रेस मैदान में नहीं है। हालांकि कांग्रेस उम्मीदवार के भाजपा में जाने के बाद कांग्रेस ने नोटा को प्रमोट किया था। ऐसे में नोटा ने भी इस बार एक नया इतिहास रचा है। नोटा को इंदौर में 2 लाख 18 हजार 355 मत मिले हैं। बता दें कि इंदौर में नोटा दूसरे नंबर पर मुकाबले में है। लेकिन नियमों के मुताबिक जीत के अंतर में उसे शामिल नहीं किया जाएगा। तीसरे नंबर पर बसपा के संजय सोलंकी हैं, उनमें और लालवानी को मिले वोटों में दस लाख से ज्यादा का अंतर है, इसे ही जीत का मार्जिन माना जाएगा। भाजपा के शंकर लालवानी इंदौर में शानदार जीत हासिल की है। ये अब तक के इतिहास की सबसे बढ़ी जीत मानी जा रही है। इससे पहले 2019 में गुजरात के नावासार सीट पर भाजपा के सीआर पाटिल ने 6,89,668 वोटों से अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की थी। इंदौर में भाजपा के शंकर ललवानी के अलावा कुल 13 और प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें प्रमुख प्रत्याशी के तौर पर कोई भी मौजूद नहीं है। इंदौर भाजपा का गढ़ माना जाता है और यहां पिछले कुछ दशकों से भाजपा लगातार विजय दर्ज कराती आ रही है। नोटा यानी इनमें से कोई भी नहीं के नाम अब तक 51,660 वोट मिलने का रिकॉर्ड है। वहीं इंदौर में नोटा को 2 लाख 18 हजार 355 मत मिले हैं। बता दें कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में नोटा को बिहार की गोपालगंज सीट पर सर्वाधिक वोट मिले थे। तब इस क्षेत्र के 51,660 मतदाताओं ने श्नोटाश् का विकल्प चुना था और नोटा को कुल मतों में से करीब पांच प्रतिशत वोट मिले थे। इंदौर में भाजपा के शंकर ललवानी के अलावा कुल 13 और प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें प्रमुख प्रत्याशी के तौर पर कोई भी मौजूद नहीं है। इंदौर भाजपा का अभेद गढ़ माना जाता है और यहां पिछले कुछ दशकों से भाजपा लगातार विजय दर्ज कराती आ रही है।
