योगी का मनाया गया 52 वां जन्मदिन
लखनऊ । कौन जानता था कि दक्षिणेश्वर काली के परमाराधक रामकृष्ण परमहंस की सारी जीवन साधना का फल मां के अमित पुत्र स्वामी विवेकानंद के रूप में मानवता को मिल जाएगा। यह भी उस परम की व्यवस्था का विधान था,आज प्रेम करुणा की यह अमर ज्योति मानवता का पथ प्रदर्शन कर रही है। कुछ इसी विधान की पुनरावृति आजकल मूर्तरूप ले रही है। वह तो मां काली का अभिन्न स्वरूप था और जिसका जिक्र में महादेव के नाथ स्वरूप का पूंजी भूत रूप अपने योगी आदित्यनाथ की क्रिया शीलता को देखकर आभास होता है। महान गुरुओं की लंबी श्रृंखला ने एक से एक सिद्धों को जन्म दिया और साधना के कर्तव्य पथ पर उन्हें अग्रसर किया लेकिन उन सबकी साधनाओं का शक्तिपात गुरु अवैद्यनाथ ने अपने लाडले आदित्यनाथ पर किया। जिस साधना ने उन्हें गढ़ा वह भी कम चमत्कारी नहीं है। उत्तर प्रदेश की राजनीति के इस पुरोधा को गुरु ने भविष्य के लिए तैयार करना शुरू कर दिया था। राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के प्रखर स्तंभ के रूप में योगी जी को पहले ही अपनी गोरक्ष पीठ का अधिपति बनाकर अपने सामने ही सारे आगामी दायित्वों को मानवता के कल्याण के लिए सौंप कर निश्चित हो गये।गुरु का तो स्वभाव ही शिष्य में संभावनाओं को खोज लेना होता है और अपना वारिस बना सब कुछ सौंप देता है।अवैद्यनाथ ने अपनी शक्तियां आदित्य में उड़ेल दी और पूर्वांचल के गोरख पीठाधीश्वर के रूप में स्थापित कर दिया। योगी ने गुरु इच्छानुरूप जनकल्याण के लिए अपने को समर्पित किया। वह गुरु गोरखनाथ के बताए रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं।05 जून 1972 को उत्तराखंड में जन्मे योगी आदित्यनाथ महायोगी बनने की ओर बढ़ गए हैं।आज उनका 52 वां जन्मदिन मनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खुद उन्हें उनके जन्मदिन की बधाई दी है।ध्यान व आध्यात्मिक साधना को प्रातः 3 बजे अनवरत साधे रखा है। भारत की मूल संस्कृति व हिंदुत्व की पहचान सुरक्षित कर रहे हैं ।अन्याय का प्रतिकार करने हेतु परित्राणाय साधूं नाम विनाशाय च दुष्कृताय मंत्र का पालन करना ही उनका लक्ष्य है। उत्तर प्रदेश की जनता के हृदय सम्राट को नरेंद्र मोदी व भाजपा के दूरदर्शी नेतृत्व ने परख लिया। मनोज सिन्हा को कश्मीर के बिगड़े माहौल को सुधारने व जनाकंछाओं को पूरा करने का बीड़ा सौंप दिया और योगी जो बहुत उपयोगी है को पूरे देश को दिशा देने वाले उत्तर प्रदेश का नेतृत्व सौंप दिया । माफियाओं के गलत ढंग से कब्जाये गए कब्जा को बुलडोजर चला कर ढहा देना किसी चमत्कार से कम नहीं था ।प्रदीप और विवेक कहते हैं कि बुलडोजर बाबा के नाम से प्रख्यात योगी अन्याय के किसी भी रूप के प्रतिकार के लिए सदैव विचारशील व क्रियाशील दिखाई देते हैं। उत्तर प्रदेश की जनता अपने लाडले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके जन्म दिवस पर शतायु होने व अपने गुरु के शेष कार्यों को संपन्न करने का आशीर्वाद देती है। देखिए क्या-क्या होता है, जो कभी नहीं हुआ अब होने जा रहा है।
