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धरती के स्वर्ग में पीएम मोदी ने किया योग


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि योग ने लोगों को यह एहसास दिलाया है कि उनका कल्याण उनके आसपास की दुनिया के कल्याण से जुड़ा हुआ है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया योग की शक्ति को मानती है। विश्व योग को वैश्विक भलाई के लिए एक शक्तिशाली एजेंट के रूप में देखता है। यह लोगों को अतीत के बोझ को ढोए बिना वर्तमान में जीने में मदद करता है। श्रीनगर के एसकेआईसीसी में 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने यह बातें कहीं।
योग समाज में सकारात्मक बदलाव के नए तरीके बना रहा
प्रधानमंत्री ने कहा कि योग ने लोगों को यह एहसास दिलाया है कि उनका कल्याण उनके आसपास की दुनिया के कल्याण से जुड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘विश्व योग को वैश्विक भलाई के एक शक्तिशाली एजेंट के रूप में देख रहा है। योग हमें अतीत के बोझ को ढोए बिना वर्तमान क्षण में जीने में मदद करता है।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जब हम अंदर से शांत होते हैं, तो हम दुनिया पर सकारात्मक प्रभाव भी डाल सकते हैं…योग समाज में सकारात्मक बदलाव के नए तरीके बना रहा है।’
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लगातार हो रही योग पर चर्चा
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया भर में योग करने वालों की संख्या हर दिन बढ़ रही है और यह दिनचर्या उनके दैनिक जीवन का हिस्सा बनती जा रही है। पीएम ने कहा, ‘योग करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मैं जहां भी जाता हूं, शायद ही कोई (अंतरराष्ट्रीय) नेता हो जो मुझसे योग के लाभों के बारे में बात न करता हो।’पीएम मोदी ने तुर्कमेनिस्तान, सऊदी अरब, मंगोलिया और जर्मनी का उदाहरण देते हुए कहा, “कई देशों में योग लोगों के दैनिक जीवन का हिस्सा बनता जा रहा है। ध्यान का यह प्राचीन रूप वहां तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
फ्रांसीसी महिला चार्लोट चोपिन का भी किया जिक्र
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने 101 वर्षीय फ्रांसीसी महिला चार्लोट चोपिन का भी जिक्र किया, जिन्हें अपने देश में योग को लोकप्रिय बनाने में उनकी सेवाओं के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

योग के बारे प्रमाणिक जानकारी के लिए दुनिया भर से लोग पहुंच रहे भारत
प्रधानमंत्री ने कहा कि योग के वैश्विक प्रसार ने इसके बारे में धारणा में बदलाव किया है क्योंकि अधिक लोग इसके बारे में प्रमाणिक जानकारी प्राप्त करने के लिए भारत की यात्रा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हम अब उत्तराखंड और केरल जैसे राज्यों में योग पर्यटन देख रहे हैं। लोग भारत आ रहे हैं क्योंकि उन्हें प्रामाणिक योग देखने को मिलता है।’
बारिश के चलते बदलना पड़ा समारोह स्थल
डल झील के किनारे स्थित एसकेआईसीसी (शेर-ए-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र) के परिसर में पहले मुख्य समारोह का आयोजन होना तय था। लेकिन सुबह हुई तेज बारिश के चलते कार्यक्रम को एसकेआईसीसी के हॉल में शिफ्ट किया गया। ऐसे में कार्यक्रम करीब एक घंटे की देरी से शुरू हुआ। हालांकि समारोह के शुरू होने के साथ ही कुदरत भी मेहरबान हुई और बारिश रुकी। इसके बाद डल झील के किनारे उपस्थित लोगों ने प्रधानमंत्री के साथ योग कर यादगार पलों के साक्षी बने।
योग से रोजगार के रास्ते खुले
उन्होंने कहा, ‘लोग अब फिटनेस के लिए निजी योग प्रशिक्षकों को नियुक्त कर रहे हैं और कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिए मन और शारीरिक फिटनेस कार्यक्रमों में योग को शामिल कर रही हैं। इसने आजीविका के नए रास्ते खोले हैं।’
योग केवल ज्ञान ही नहीं, विज्ञान भी
प्रधानमंत्री ने कहा कि योग आज लोगों के सामने आने वाली कई समस्याओं का समाधान प्रदान करता है। योग केवल ज्ञान ही नहीं बल्कि विज्ञान भी है। सूचना क्रांति के इस युग में सूचना स्रोतों की बाढ़ आ गई है और मानव मन के लिए एक विषय पर ध्यान केंद्रित करना एक चुनौती है। इसका समाधान भी योग में है क्योंकि यह मन को केंद्रित करने में मदद करता है।
सेना से लेकर खेल जगत तक की दिनचर्या का हिस्सा बना योग
प्रधानमंत्री ने कहा कि सेना से लेकर खेल जगत तक ने योग को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष यात्रियों और अंतरिक्ष परियोजनाओं पर काम करने वाले लोगों को भी योग का प्रशिक्षण दिया जाता है क्योंकि इससे उत्पादकता के साथ-साथ सहनशीलता भी बढ़ती है।
जम्मू कश्मीर में योग हो रहा लोकप्रिय
उन्होंने कहा कि कई जेलों में कैदियों को भी योग सिखाया जाता है ताकि वे सकारात्मक चीजें सोच सकें। पीएम मोदी ने इस बात पर संतोष जताया कि जम्मू-कश्मीर के लोग भी योग को अपना रहे हैं जिससे केंद्र शासित प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, “मैं कल से देख रहा हूं कि श्रीनगर और जम्मू-कश्मीर के बाकी हिस्सों में योग लोकप्रिय हो रहा है। यह बड़ी बात है कि 50,000 से 60,000 लोग योग से जुड़े हैं। इससे यहां अधिक पर्यटक आएंगे।’ इस वर्ष की थीम, ‘स्वयं और समाज के लिए योग’ है। यह थीम व्यक्तिगत कल्याण और सामाजिक सद्भाव दोनों को बढ़ावा देने में योग की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देती है। 2015 से प्रधान मंत्री ने दिल्ली, चंडीगढ़, देहरादून, रांची, लखनऊ, मैसूर और यहां तक कि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में कर्तव्य पथ सहित विभिन्न प्रतिष्ठित स्थानों पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोहों का नेतृत्व किया है।

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