लखनऊ। योगी सरकार द्वारा बेसिक विद्यालयों में छात्रों के हित में लिए गए डिजिटाइजेशन के निर्णय का समर्थन करना एक शिक्षक को भारी पड़ गया। राष्ट्रीय शिक्षक महासंघ, उत्तर प्रदेश (माध्यमिक संवर्ग) ने शिक्षक को उनके जनपदीय दायित्व से निलंबित कर दिया गया। कानपुर के हर सहाय जगदम्बा इंटर स्कूल में प्रवक्ता पद पर कार्यरत सर्वेश तिवारी ने एक अखबार को दिए अपने वक्तव्य में डिजिटाइजेशन का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि निजी स्कूलों से मुकाबले के लिए सरकारी स्कूलों का डिजिटाइजेशन अति आवश्यक है। सर्वेश तिवारी ने बताया कि उन्होंने डिजिटल अटेंडेंस को लेकर कोई वक्तव्य नहीं दिया। न ही उन्होंने इसका समर्थन किया है। उन्होंने सिर्फ सरकार द्वारा विद्यालयों में डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया का समर्थन किया है। बेसिक शिक्षा में डिजिटाइजेशन का लाभ आज छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों को भी मिल रहा है। अब छुट्टियां लेना हो या फिर सीसीएल लेनी हो, शिक्षकों को बीआरसी के चक्कर नहीं काटने पड़ते। मोबाइल पर ऑनलाइन वो छुट्टियों के लिए आवेदन कर देते हैं। यह भी डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया का ही हिस्सा है। डिजिटाइजेशन का विरोध तो शिक्षक भी नहीं कर रहे हैं, उनका विरोध तो डिजिटल अटेंडेंस को लेकर है। उनकी मांगों पर सरकार को विचार करना चाहिए और बातचीत के माध्यम से इसका रास्ता निकालना चाहिए।
