सावन के पहले सोमवार को यादव बंधु ही पहले बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करते हैं। यह वर्षों पुरानी परंपरा है। इस बार मात्र 21 यादव बंधुओं को जलाभिषेक की अनुमति दी गई है। भीड़ और भक्तों की सुरक्षा को लेकर जिल प्रशासन ने यह निर्णय लिया है।सावन के पहले सोमवार को यादव बंधु बाबा विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक करेंगे। मंदिर के गर्भगृह में 21 यादव बंधुओं को ही जलाभिषेक करने की अनुमति दी गई है। वे सिंह द्वार से प्रवेश कर कोतवालपुरा होते हुए ढुंढिराज गणेश गेट होकर मंदिर के पश्चिमी गेट से प्रवेश करेंगे। पुलिस प्रशासन ने शोभायात्रा के दौरान दौड़ने से मना किया है। अपील की है कि वे शांति के दर्शन व जलाभिषेक करें। वहीं, यादव बंधुओं ने यात्रा मार्ग को दुरुस्त कराने की मांग की है। अपनी परंपरा के अनुसार यादव बंधु सावन के पहले सोमवार को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर सहित नौ शिवालयों में जलाभिषेक करेंगे।चंद्रवंशी गोप सेवा समिति, गोवर्धन पूजा समिति और अखिल भारतीय यादव महासभा के साथ अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) कमिश्नरेट एस चन्नप्पा और श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक विश्व भूषण मिश्र ने मंदिर के पिनाक भवन में बैठक की।
कराया जाएगा झांकी दर्शन
तय हुआ कि सावन में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए 21 यादव बंधु ही गर्भगृह में जलाभिषेक करेंगे। बाकी को गर्भगृह के पश्चिमी द्वार से झांकी दर्शन कराया जाएगा। यादव बंधु जल लेकर ध्वज के साथ डमरू वादन करते हुए चलेंगे। एस चन्नप्पा ने बताया कि शांतिपूर्ण दर्शन के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी।कहा कि यात्रा के दौरान यादव बंधु दौड़ते हुए न चलें, ताकि अन्य दर्शनार्थियों को दिक्कत न हो। समिति के अध्यक्ष लालजी यादव ने बताया कि यात्रा परंपरागत मार्गों से निकलेगी। सुबह आठ बजे केदारघाट से कलश यात्रा आरंभ होगी। गौरी केदारेश्वर मंदिर में दर्शन के बाद तिलभांडेश्वर महादेव, बड़ी शीतला मंदिर, अहलेश्वर महादेव के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर तक यात्रा जाएगी। इसके बाद महामृत्युंजय महादेव, त्रिलोचन महादेव, ओंकालेश्वर महादेव और बाबा लाटभैरव के दर्शन के साथ पूर्णाहुति होगी। उन्होंने कहा कि यादव बंधुओं के जलाभिषेक की परंपरा स्व. भोला सरदार व चुनी सरदार ने वर्ष 1932 में शुरू की थी।
श्री विश्वनाथ मंदिर में श्रावण महोत्सव 22 से
काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित श्री विश्वनाथ मंदिर में 22 जुलाई से श्रावण महोत्सव आरंभ होगा। मंदिर में सावन भर दर्शन-पूजन के लिए बीएचयू के छात्र-छात्राओं की अलग लाइन लगाई जाएगी, ताकि दूर-दराज से आने वाले दर्शनार्थियों को परेशानी न हो। महिलाओं और पुरुषों की अलग-अलग कतारें रहेंगी। कार्यक्रम की तैयारियाें को शुक्रवार को पूर्ण कर लिया गया।22 जुलाई से 19 अगस्त के बीच पड़ने वाले किसी भी रविवार और सोमवार को या अन्य किसी दिन अत्यधिक भीड़ बढ़ने पर मंदिर के गर्भगृह में यजमानों का रुद्राभिषेक पूजन नहीं कराया जाएगा।श्रावण महोत्सव के अंतर्गत दिव्यांगजनों को दर्शन कराने के लिए व्हीलचेयर के साथ फर्स्ट एड बॉक्स, शीतल जल आदि की भी व्यवस्था की गई है। मंदिर प्रतिदिन सुबह चार बजे से दोपहर 12 बजे तक और दोपहर एक बजे से रात नौ बजे तक श्रद्धालुओं के दर्शन-पूजन के लिए खुला रहेगा।
