प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट अगले पांच वर्षों के लिए देश की दिशा तय करेगा और “विकसित भारत” की मजबूत नींव रखेगा। उनकी टिप्पणी संसद के बजट सत्र की शुरुआत से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए आई। इस दौरान पीएम मोदी मे विपक्ष पर निशाना साधा। प्रधान मंत्री ने विपक्ष को एक संदेश भेजा जिसमें कहा गया कि उन्हें पार्टी लाइनों से ऊपर उठना चाहिए और 2029 के आम चुनावों तक देश के लोगों के लिए काम करना चाहिए।नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं देश के सभी सांसदों से आग्रह करना चाहता हूं कि जनवरी से लेकर अब तक हमें जितना लड़ना था लड़ लिया, लेकिन अब वो दौर खत्म हो चुका है, जनता ने अपना फैसला सुना दिया है। मैं सभी दलों से कहना चाहता हूं कि वे पार्टी लाइन से ऊपर उठकर खुद को देश के प्रति समर्पित करें और अगले 4.5 वर्षों तक संसद के इस गरिमामय मंच का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि जनवरी 2029 के चुनावी साल में आप कोई भी खेल खेलें, लेकिन तब तक हमें किसानों, युवाओं और देश के सशक्तिकरण के लिए अपनी भागीदारी निभानी चाहिए। पीएम मोदी ने विपक्ष पर लगातार तीसरी बार चुनी गई सरकार की “आवाज़ दबाने” का प्रयास करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब वह संसद में बोल रहे थे तो नेताओं ने उनकी आवाज दबाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि आपने देखा होगा कि संसद के पहले सत्र में जिस सरकार को देश के 140 करोड़ लोगों ने बहुमत से चुना है, उसकी आवाज को दबाने की कोशिश की गई। ढाई घंटे तक प्रधानमंत्री की आवाज को दबाने की कोशिश की गई। देश की जनता ने हमें पार्टी के लिए नहीं देश के लिए भेजा है। ये संसद देश के लिए है, पार्टी के लिए नहीं। लगातार तीसरी बार अपनी सरकार की वापसी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि उनका मिशन उन गारंटीओं को जमीन पर उतारना है जो वह लोगों को देते रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये गर्व की बात है कि 60 साल बाद कोई सरकार तीसरी बार सत्ता में आई है और तीसरी बार पहला बजट पेश करेगी। मैं देश की जनता को गारंटी देता रहा हूं और हमारा मिशन है इसे जमीन पर लाओ। यह बजट अमृत काल के लिए महत्वपूर्ण बजट है। आज का बजट हमारे कार्यकाल के अगले 5 वर्षों की दिशा तय करेगा। यह बजट हमारे ‘विकसित भारत’ के सपने का भी मजबूत आधार बनेगा।उन्होंने कहा कि जो पहले सत्र हुआ था… 140 करोड़ देशवासियों ने बहुमत के साथ जिस सरकार को सेवा करने का हुक्म दिया, उसकी आवाज को कुचलने का अलोकतांत्रिक प्रयास हुआ। ढाई घंटे तक देश के प्रधानमंत्री का गला घोंटने का, उनकी आवाज को रोकने का, उनकी आवाज को दबाने का… लोकतांत्रिक परंपराओं में कोई स्थान नहीं हो सकता है।’’ उन्होंने कहा कि हंगामा करने वाले सदस्यों को इसका पश्चाताप तक नहीं है और ना ही उनके दिल में कोई दर्द है। उन्होंने कहा, ‘‘देशवासियों ने हमें यहां देश के लिए भेजा है, दल के लिए नहीं भेजा है। यह सदन दल के लिए नहीं, यह सदन देश के लिए है।
