लखनऊ। समाजवादी पार्टी पीडीए फार्मूले पर ही आगे बढ़ रही हैं। नेता प्रतिपक्ष विधानसभा का ओहदा अभी किसी को सौंपा नही जबकि 29 जुलाई से असेम्बली का सत्र शुरू हो रहा है। सबको अखिलेश यादव के फैसले का इंतजार है। विधान परिषद में समाजवादी पार्टी ने लाल बिहारी यादव को नेता प्रतिपक्ष बनाया है। 29 जुलाई से विधानमंडल का सत्र बुलाया गया है, ऐसे में अब विधानसभा में जल्द ही नया नेता प्रतिपक्ष चुना जाएगा।नेता प्रतिपक्ष को लेकर समाजवादी पार्टी की ओर से कई नामों पर चर्चा हो रही है, लेकिन इन सबमें एक नाम ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। वे हैं रागिनी सोनकर। सपा से पहली बार 2022 में विधायक बनी हैं रागिनी सोनकर। मछली शहर से चुनाव जीता है।युवा हैं और बहुत पढ़ी लिखी हैं।पेशे से डाक्टर हैं।रागिनी सोनकर पूर्व विधायक कैलाशनाथ सोनकर की बेटी हैं। रागिनी सोनकर ने विधानसभा में भाषणशैली और व्यवहार से भी प्रभावित किया है।सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक यानि पीडीएबका जिस तरह से समीकरण बनाया है उसमें भी रागिनी सोनकर फिट हैं। वह महिला भी हैं। उनके बनने से महिलाओं का राजनीति में प्रतिनिधित्व मजबूत होगा। समाजवादी पार्टी के पीडीए में महिलाओं की सशक्त भागीदारी होगी। अखिलेश यादव का पीडीए फार्मूला लोकसभा चुनाव में सुपरहिट रहा है। सपा ने ऐतिहासिक 37 लोकसभा सीटें जीती हैं और देश में तीसरे नंबर की पार्टी बन गई है। लोकसभा चुनाव में कई युवाओं को टिकट दिया और उनमें अधिकतर जीत कर लोकसभा पहुंचे हैं। सामाजिक समीकरणों के हिसाब से रागिनी सोनकर की दावेदारी मजबूत है। विधान परिषद में लाल बिहारी यादव को नेता चुनने के बादविधानसभा में अति पिछड़े समाज या दलित समाज के नेता को चुने जाने की संभावना अधिक है। इन वर्गों के कई नेता सपा के पास हैं, कई नेता बीएसपी से आए हैं। दलित समाज से आने वाली रागिनी सोनकर पहली बार ही सपा से चुनकर आई है। पढ़ी लिखी प्रोफेशनल भी हैं। उनकी दावेदारी अधिक मजबूत है। इन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाने से प्रदेश ही नहीं देश में बड़ा संदेश जाएगा।दलित समाज में सपा की स्वीकार्यता बढ़ेगी। अखिलेश यादव का रुख भी पढ़े लिखे तेजतर्रार युवा नेताओं के प्रति बहुत सकारात्मक रहा है।इसमें उनकी धर्मपत्नी और मैनपुरी से लोकसभा सांसद डिंपल यादव की बड़ी भूमिका रही है।11 दिसंबर 1990 को पैदा हुईं रागिनी सोनकर ने कोलकाता के आरजी कार मेडिकल कालेज और हास्पिटल से एमबीबीएस की उपाधि हासिल की है।एम्स से आप्थाल्मोलाजी में स्पेशलाइजेशन किया है। इनके पति भी डाक्टर हैं। राजनीतिक बैकग्राउंड से आती हैं। इनके पिता कैलाशनाथ सोनकर 2017 से 2022 तक सुहैलदेव समाज पार्टी से विधायक रहे हैं। रागिनी सोनकर ने 2022 में मछलीशहर विधानसभा सीट से बीजेपी के माहीलाल गौतम को 8484 वोटों से हराया था।
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