केरल के मुख्य सचिव वी. वेणु ने कहा कि बयानों की गलत व्याख्या के कारण दहशत और भ्रम पैदा न हो, इसलिए सलाह दी गई थी। चूंकि नोट में बात को सही ढंग से नहीं रखा गया है, इसलिए इसे तत्काल प्रभाव से वापस लिया जा रहा है।केरल के वायनाड जिले में मंगलवार को मेप्पाडी के पास विभिन्न पहाड़ी इलाकों में आए भूस्खलन ने भारी तबाही मचा दी थी। इस प्राकृतिक आपदा के कारण अब तक 291 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 200 लोग लापता हैं। वहीं, भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में सेना का राहत व बचाव कार्य जारी है। इस बीच, आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव को एक नोट जारी किया था, जिस पर विवाद गहरा गया। अब केरल के मुख्य सचिव वी. वेणु को इसे लेकर सफाई देनी पड़ गई है।
आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव ने जारी किया था नोट
डॉक्टर वेणु ने कहा, ‘आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव को एक नोट जारी किया था, जिसमें वायनाड में भूस्खलन से संबंधित राय व्यक्त करने में संयम बरतने का अनुरोध किया गया। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह सलाह राज्य के वैज्ञानिक समुदाय को अध्ययन करने और उनके विचार रखने से रोकने के इरादे से जारी नहीं की गई थी।’
भ्रम पैदा करने वाले बयानों को रोकना था मकसद
उन्होंने आगे कहा, ‘इस सलाह का उद्देश्य राज्य के वैज्ञानिक संस्थानों से संबंधित व्यक्तियों के उन बयानों और विचारों को हतोत्साहित करना था, जिन्हें जनता के बीच इस संवेदनशील समय के दौरान गलत तरीके से पेश कर भ्रम पैदा किया जा सकता है। हालांकि, ये अपवाद है। मगर पिछले दो दिनों में कुछ ऐसे उदाहरण सामने आए हैं।’
नया ज्ञान हमारी समझ को बढ़ा सकता है
केरल के मुख्य सचिव ने कहा, ‘हमारा मानना है कि वैज्ञानिक अध्ययनों के लिए बहुत महत्व है जो जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में राज्य के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालते हैं। नया ज्ञान हमारी समझ को बढ़ा सकता है और हमारी रणनीतियों को आकार दे सकता है। साथ ही, इस तरह की त्रासदी के बाद, यह महत्वपूर्ण है कि बचाव, वसूली और पुनर्वास से तत्काल ध्यान न हट जाए और बयानों या राय की गलत व्याख्या के कारण व्यापक दहशत व भ्रम पैदा न हो, जिससे मानवीय कार्य में बाधा उत्पन्न हो।’उन्होंने आगे कहा कि चूंकि नोट में इसे सही ढंग से नहीं बताया गया है, इसलिए इसे तत्काल प्रभाव से वापस लिया जा रहा है।
