भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद बढ़ने के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस के आयुक्त माइक ड्यूहेम अन्य कनाडाई पुलिस और सरकारी अधिकारियों के साथ एक संसदीय समिति में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने बड़ी संभावना जताई।भारत और कनाड के बीच लगातार तल्खियां बढ़ती जा रहीं। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए कनाडा भारत को जिम्मेदार बताता रहा है। हालांकि, भारत ने बार-बार अपना रुख साफ किया है और कनाडा से उसके सबूत मांगे हैं। इस कूटनीतिक विवाद के बीच, रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) ने एक बड़ी जानकारी दी है। उसका कहना है कि इस बात की पूरी संभावना है कि कनाडाई अपराधी भारत में गुर्गों को निर्देश दे रहे हों।
संसदीय समिति में पेश हुए पुलिस आयुक्त
भारत और कनाडा के बीच दो सप्ताह पहले राजनयिक विवाद बढ़ने पर बातचीत करने के लिए रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) के आयुक्त माइक ड्यूहेमअन्य कनाडाई पुलिस और सरकारी अधिकारियों के साथ एक संसदीय समिति में मौजूद थे। इस दौरान सांसद ग्लेन मोट्ज ने उनसे पूछा कि क्या यह संभव है कि कनाडा के संभावित अपराधी भारत में गुर्गों को निर्देश दे रहे हैं।
क्या बोले मोट्ज?
मोट्ज ने कहा, ‘आपने कुछ देर पहले ही कहा था कि यह मानना सही है और सच में हो भी रहा है कि भारत भी हिंसक चरमपंथ का अनुभव कर रहा है। बस हमसे अलग तरीके से महसूस कर रहा है। आपने इस बात के संकेत दिए कि यह सच में हो रहा है। अब क्या यह संभव है कि कनाडा के संभावित अपराधी भारत में गुर्गों को निर्देश दे रहे हैं, जैसा कि कनाडा के मामले में इसके विपरीत है?’
14 अक्तूबर के बाद कुछ भी संभव
इस पर आरसीएमपी आयुक्त ने जवाब दिया, ‘मेरा मतलब है कि 14 अक्तूबर के बाद कुछ भी संभव है। हम इसे नकार नहीं सकते, लेकिन भारत में हमारे सहयोगी के साथ काम करने का यही महत्व है, ताकि हम मिलकर काम कर सकें और इसमें शामिल लोगों की समस्याओं पर बात कर सकें’।
यह है मामला
गौरतलब है, पिछले साल जून में 45 साल के हरदीप सिंह निज्जर की बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस हत्या के पीछे भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था। भारत ने इन आरोपों का खंडन किया था। इसके बाद, दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों में उस समय गिरावट आई जब 13 अक्तूबर को, भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा को निज्जर की हत्या की जांच में कनाडा ने पर्सन ऑफ इंटरेस्ट घोषित किया था। इसके जवाब में 14 अक्तूबर को नई दिल्ली ने कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था।
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