मुख्यमंत्री के मंत्रिमंडल में उनके अलावा केवल 11 सदस्य हो सकते हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री के अलावा उपमुख्यमंत्री और नौ मंत्री हैं। मुख्य संसदीय सचिवों के हटने के बाद सुक्खू मंत्रिमंडल में खाली चल रहे एक पद के लिए मारामारी मच सकती है। सीपीएस से हटते ही विधायक अब मंत्री बनने की दौड़ में खुद को शामिल कर लेंगे। एक मंत्री के खाली पद के लिए कई तलबगार हो गए हैं। मुख्यमंत्री के मंत्रिमंडल में उनके अलावा केवल 11 सदस्य हो सकते हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री के अलावा उपमुख्यमंत्री और नौ मंत्री हैं। दरअसल, वैधानिक नियमों के अनुसार इस कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित 12 सदस्य ही बनाए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू ने पहले तीन पद खाली रखे थे। राजेश धर्माणी और यादविंद्र गोमा को कुछ महीने पहले मंत्री बनाया गया। अब एक पद ही शेष रह गया है। अब इस पर क्षेत्रीय संतुलन भी बनाया जाना आवश्यक माना जा रहा है। हालांकि, मुख्यमंत्री मंत्री पद के ज्यादा तलबगार होने की स्थिति में किसी को नाराज न करने की वजह से मंत्रिमंडल विस्तार को फिर आगे टालेंगे या नहीं। इस पर भी संशय है।
कांगड़ा संसदीय क्षेत्र को मिल सकता है मंत्री पद
कांगड़ा संसदीय क्षेत्र को मंत्री पद मिल सकता है। मंडी संसदीय क्षेत्र में वर्तमान में एक मंत्री जगत सिंह नेगी हैं और वह किन्नौर से हैं। मंत्री पद के लिए कुल्लू और लाहौल-स्पीति की भी दावेदारी है। मंडी में एक धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर बाकी नौ जिले मंडी संसदीय क्षेत्र में आते हैं, लेकिन नौ सीटों में से सभी पर भाजपा के विधायक हैं। धर्मपुर से ही एकमात्र कांग्रेस विधायक चंद्रशेखर हैं, मगर यह विधानसभा क्षेत्र हमीरपुर में आता है। कुल्लू की दावेदारी भी मजबूत है। कुल्लू के कांग्रेस विधायक और मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर सीपीएस रहे।
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