लखनऊ । भीषण गर्मी और तपिश का कहर झेल रहे लखनऊ के अस्पतालों में डिहाइड्रेशन के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा हैं। लखनऊ में लगातार 2 दिन बंद रहने के बाद मंगलवार को सरकारी अस्पतालों की ओपीडी खुली। यहां सुबह से ही मरीजों और तीमारदारों की लंबी कतार देखी गई। राजनारायण लोकबंधु संयुक्त अस्पताल में फिजिशियन क्लिनिक में सबसे ज्यादा भीड़ रही। इसके अलावा पीडियाट्रिक ओपीडी में भी बड़ी संख्या में बीमार बच्चे इलाज के लिए पहुंचे हैं। लोकबंधु अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजीव दीक्षित ने बताया कि रविवार को साप्ताहिक छुट्टी और सोमवार को चुनाव की वजह से अस्पताल की ओपीडी बंद रही। मंगलवार सुबह से ही ओपीडी में भारी भीड़ उमड़ी हैं। इस दौरान फिजिशियन डॉक्टर के अलावा गायनी और बाल रोग विशेषज्ञ के चौंबर के बाहर भी भीड़ दिखी। इसके अलावा रेडियोलॉजिस्ट के यहां भी लंबी कतार दिखी। बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ.पवन अरुण ने बताया कि मंगलवार सुबह से ही ओपीडी में मरीजों और तीमारदारों की भीड़ रही। सबसे ज्यादा पेशेंट फिजिशियन डॉक्टर को दिखाने के लिए पहुंचे थे। कई मरीजों में पेट से जुड़ी समस्या रही। अस्पताल में जांच और दवाई निशुल्क मुहैया कराई जा रही हैं। राजधानी के श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राजेश श्रीवास्तव कहते हैं कि भीषण गर्मी के कारण लोगों में डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं ज्यादा आ रही हैं। इस दौरान हार्ट पेशेंट को ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी। हार्ट के ऐसे मरीज जो पहले से नियमित दवा का सेवन कर रहे हैं। उन्हें बिना गैप किए, डॉक्टर द्वारा लिखी दवाइयों का सेवन करना चाहिए। शरीर के रिस्पांस पर भी नजर रखने की जरूरत हैं। डॉ. राजेश कहते हैं कि गर्मी में तपिश भरी धूप से बचाव जरूरी हैं। सामान्य लोगों को भी दोपहर 12 से 3 बजे तक धूप में निकलने से बचना चाहिए। खासतौर पर पेसमेकर के मरीजों को ज्यादा अलर्ट रहना होगा। इन मरीजों को पहले से बताए गए ऐहतियात हर हाल में फॉलो करना होगा। हालांकि पैनिक होने की जरूरत नहीं हैं। डॉ. राजेश कहते हैं कि हार्ट पेशेंट के लिए ब्लड प्रेशर और शुगर की समस्या होना बेहद खतरनाक कॉम्बिनेशन होता है। ऐसे में अगर आप इन दो बीमारियों की चपेट में नहीं है तब भी आपको इसे लेकर अलर्ट रहना पड़ेगा। और यदि आप इसकी चपेट में आ चुके हैं, तब नियमित मॉनिटरिंग करनी होगी।
