लखनऊ । यूपी सहित उत्तर भारत के राज्यों में गर्मी, धूप और गर्म हवा का कहर जारी है। लखनऊ सहित आसपास के जिलों में भी हीट वेव की वजह से लोग बीमार हो रहे हैं। जिसके कारण राजधानी लखनऊ के 3 बड़े अस्पतालों में पिछले 24 घंटे में 100 से ज्यादा मरीज भर्ती हुए हैं। बुधवार सुबह से ही लखनऊ के सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में भीड़ दिखी। इनमें ज्यादातर मरीज बुखार, डिहाइड्रेशन और डायरिया का इलाज कराने पहुंचे। दूसरे चिकित्सा संस्थानों में भी हीट वेव से पीड़ितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। लखनऊ के डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया, उल्टी, लूज मोशन और कमजोरी के मरीजों की संख्या बढ़ी है। पिछले 24 घंटे में करीब 48 मरीज अस्पताल की इमरजेंसी में लाए गए हैं। इनमें 34 मरीजों का उपचार करके घर भेज दिया गया, बाकी 15 गंभीर मरीजों का इलाज चल रहा है।
बताया, जो भी मरीज आ रहे हैं, उनमें से ज्यादातर गर्मी की वजह से विभिन्न समस्याओं से ग्रस्त हैं। उन्हें भर्ती किया जा रहा है और इलाज के बाद आराम मिल रहा है। हमने हीट वेव वाले मरीजों का इलाज करने के लिए बर्न वार्ड के बगल में अलग वार्ड रिजर्व किया है। लखनऊ के राजनारायण लोकबंधु संयुक्त अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजीव दीक्षित ने बताया, गर्मी से बेहाल मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। गर्मी के कारण कमजोरी और डिहाइड्रेशन की समस्या बढ़ गई है। असंतुलित खानपान से दिक्कत बढ़ी है।
लोकबंधु अस्पताल में पिछले 24 घंटे के दौरान उल्टी, दस्त, बुखार, डिहाइड्रेशन जैसे लक्षण से पीड़ित 43 मरीज भर्ती किए गए हैं। इन्हें ड्रिप चढ़ाई जा रही है। मरीजों की हालत में सुधार हो रहा है। बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉक्टर पवन अरुण ने बताया कि गर्मी से सभी बेहाल हैं। बड़ी संख्या में हीट वेव की चपेट में आने के मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। 24 घंटे में ऐसे ही 41 गंभीर मरीजों में भर्ती किया गया है। इनमें 11 मरीजों को हल्के बुखार के लक्षण मिले। राहत की बात है कि ड्रिप चढ़ाने के बाद सभी की तबीयत में सुधार हुआ है। हीट वेव की वजह से बुखार, दस्त और उल्टी की सामान्य दवा, गंभीर मरीजों पर लगभग बेअसर साबित हो रही है। ऐसे मरीजों में विशेषज्ञ तत्काल ड्रिप आईवी फ्लूइड चढ़ा रहे हैं। डॉक्टरों की मानें तो शरीर में डिहाइड्रेट होने पर ओरल मेडिसिन की बजाय ड्रिप से जल्दी राहत मिलती है। सामान्य मामलों में ओआरएस पाउडर से शरीर में पानी की कमी दूर की जा सकती है। डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया, लू के मरीजों के लिए कोल्ड रूम तैयार किया गया है। ऐसे मरीजों की कोल्ड स्पनजिंग की जा रही हैं। बिना देर किए मरीजों का इलाज किया जा रहा है। सबसे ज्यादा जरूरी है, शरीर के तापमान को नियंत्रित करना। किसी भी हालत में अलार्मिंग कंडीशन दिखते ही बिना देरी किए अस्पताल में मरीज को एडमिट कराएं। कई बार ऐसा होता है कि, मरीज को एडमिट कराने से परहेज किया जाता है। लेकिन इससे उनकी हालत बिगड़ सकती है। परेशानी होने पर किसी भी मरीज को तुरंत भर्ती कराया जाना चाहिए।
