लखनऊ । राजधानी लखनऊ में 12 रबी-उल-अव्वल को ईद मिलादुन्नबी मनाई जा रही है। शहर के चौक स्थित दरगाह शाहमीन शाह से जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया। वहीं, अमीनाबाद झंडे वाली पार्क से जुलूस-ए-मदहे सहाबा निकला। दोनों जुलूस में बड़ी संख्या में अकीदतमंद शामिल हुए। पैगंबर मोहम्मद साहब की पैदाइश कि खुशी में यह जुलूस निकाला गया है। जुलूस में भारतीय तिरंगा भी लहराया गया। शहर में दो प्रमुख जुलूसों के अलावा करीब 200 जुलूस निकाले गये हैं। रास्ते पर जगह-जगह सबील और लंगर की व्यवस्था की गई है। इस दौरान देश में शांति और अमन की कामना के लिए दुआएं भी मांगी। जुलूस-ए- मोहम्मदी में शामिल हुए शहजाद आलम ने कहा कि पैगम्बर मोहम्मद साहब पूरे विश्व के लिए रहमत बनके आए। लखनऊ के जुलूस से भाई चारा का संदेश दिया जाता है। लखनऊ के चौक जुलूस-ए-मोहम्मदी में बड़ी संख्या महिलाएं भी शामिल हुईं। रथ बनाए गए और उन्हें सजाया गया। जुलूस-ए-मदहे सहाबा में अंजुमन चार यार कि ओर से निकाला गया हाथ से बना हुआ इस्लामी झंडा। जुलूस-ए-मोहम्मदी में शामिल लोगों ने अमन, शांति और तरक्की के लिए दुआएं की। जुलूस-ए-मोहम्मदी में ऊंट और बग्गी पर सवार होकर लोग चौक के शाहमीना शाह मस्जिद पहुंचे हैं।
हाफिज महमूदुल हसन ने कहा कि आज हम लोग पैगम्बर मोहम्मद की पैदाइश मना रहे हैं। पैगम्बर मोहम्मद ने लोगों को भाईचारा, मोहब्बत और गरीबों की मदद करने का संदेश दिया। पिछले 24 वर्षों से लगातार यह जुलूस निकल रहा है। मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि आज का दिन बहुत मुबारक दिन है। पैगंबर मोहम्मद साहब की पैदाइश हम लोग मना रहे हैं। जुलूस-ए-मदहे सहाबा में हजारों की तादाद में मुसलमान शामिल होते हैं। झंडे वाला पार्क अमीनाबाद से ईदगाह ऐशबाग तक तमाम लोग पैदल चलते हुए और पैगंबर मोहम्मद साहब के नाम का नारा लगाते हुए जाएंगे।
