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यूपी के मैनपुरी में पंचायत ने सुनाया तुगलकी फरमा


तीन परिवारों के वंचित समाज की लड़की से शादी करने के बाद पंचायत द्वारा सुनाए फैसले का विरोध युवा करने लगे हैं। युवाओं का कहना है कि पंचायत में चंद लोगों द्वारा अपनी पिछड़ी मानसिकता का परिचय दिया गया है। इस निर्णय से पूरा क्षत्रिय समाज सहमत नहीं है। पूर्व में जो संबंध युवकों से हैं वे बरकरार रहेंगे।
गांव खरपरी में पंचायत ने सुनाया तुगलकी फरमान, दो फाड़ ग्रामीण
युवाओं ने किया फरमान का विरोध, नहीं बिगाड़ेंगे सामाजिक समरसता
अंतरजातीय विवाह करने पर पंचायत ने तीन परिवारों के बहिष्कार का निर्णय सुना दिया। कहा गया कि इन परिवारों में जो जाएगा या इन्हें बुलाएगा, उन्हें भी क्षत्रिय समाज से बहिष्कृत कर दिया जाएगा। पंचायत के फरमान का गांव में विरोध होने लगा है। युवाओं ने इसे सामाजिक समरसता के विपरीत बताते हुए फरमान को मानने से इनकार कर दिया है।कोतवाली क्षेत्र के गांव खरपरी निवासी क्षत्रिय समाज के एक युवक ने चार साल पहले वंचित समाज की युवती से विवाह कर लिया था। बाद में उसके पारिवारिक भाई ने करीब एक साल पहले वंचित समाज की युवती से शादी रचा ली थी।
क्षत्रिय समाज के लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया
छह माह पहले क्षत्रिय समाज के एक अन्य युवक द्वारा भी वंचित समाज की युवती से विवाह किया गया तो सुगबुगाहट शुरू हो गई। क्षत्रिय समाज के लोगों ने तीनों के विवाह का विरोध करना शुरू कर दिया। उनके स्वजन पर दबाव बनाया कि वे उन्हें अपने घर और जायदाद से बेदखल करें। स्वजन नहीं माने तो बात बिगड़ने लगी।
क्षत्रिय समाज ने अपमान बताना शुरू किया
कुछ लोगों ने इसे क्षत्रिय समाज का अपमान बताना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे गांव के लोग भी इसे क्षत्रिय समाज का अपमान मानने लगे। शुक्रवार को एक निजी विद्यालय में पंचायत हुई। जिसमें तीनों युवकों के स्वजन को भी बुलाया गया। समाज के लोगों ने स्वजन को अंतरजातीय विवाह करने वाले तीनों युवकों को घर से बेदखल करने के लिए समझाया।
तीनों परिवारों के बहिष्कार का कर दिया एलान
काफी समझाने पर भी स्वजन नहीं माने तो पंचायत ने एक सुर में तीनों परिवारों के बहिष्कार का एलान कर दिया। पंचायत में ये भी कहा गया कि क्षत्रिय समाज के किसी भी व्यक्ति ने इन परिवारों को आमंत्रित किया अथवा इन युवकों के यहां किसी कार्यक्रम में शामिल होने गए तो उन्हें भी समाज के बहिष्कृत कर दिया जाएगा।
युवाओं ने उठाए सवाल
युवाओं ने प्रश्न उठाया कि एक युवक ने चार साल पहले विवाह किया था। अब तक वह गांव के प्रत्येक समारोह में शामिल हुआ। गांव के सभी लोग उसके यहां प्रत्येक कार्यक्रम में शामिल होने जाते रहे हैं, तो अचानक यह निर्णय सुनाए जाने की क्या आवश्यकता थी। युवाओं ने बताया कि वे अंतरजातीय विवाह करने वाले तीनों युवकों से पूर्व की तरह सामान्य बर्ताव रखेंगे। पंचायत के किसी फरमान को नहीं मानेंगे।
एससी एक्ट के तहत अपराध है फरमान
अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने बताया कि अनुसूचित जाति की युवती से विवाह करने पर परिवार के बहिष्कार का एलान, अपराध की श्रेणी में आता है। यह मामला एससी एसटी एक्ट के तहत दंडनीय अपराध है। पीड़ित परिवारों को कानून की सहायता लेनी चाहिए।
पुलिस ने किया पंचायत से इनकार
कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक फतेह बहादुर सिंह भदौरिया ने बताया कि उन्हें मामले की सूचना मिली थी। गांव जाकर तहकीकात की गई तो पंचायत हाेने अथवा किसी भी परिवार के बहिष्कार के निर्णय की पुष्टि नहीं हुई है।

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