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स्कूल प्रबंधन के न पहुंचने पर फूटा अभिभावकों का गुस्सा


मासूम से स्कूल में सफाईकर्मी ने अक्तूबर के पहले सप्ताह में यौन अत्पीड़न किया था। 8 अक्तूबर को बच्ची रोने लगी और पेट में दर्द होने की शिकायत की। इसके बाद बच्ची को परिजन डॉक्टर के पास ले गए, जहां बच्ची से अश्लील हरकत का पता चला।नोएडा सेक्टर-27 स्थित एक निजी स्कूल में प्री-नर्सरी की छात्रा (4) से यौन उत्पीड़न के मामले में कोतवाली सेक्टर-20 पुलिस ने बृहस्पतिवार रात क्लास टीचर और स्कूल एडमिन को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि जांच में दोनों को घटना छिपाने और साक्ष्य मिटाने का दोषी पाया गया है। वहीं, आज गुस्साए अभिभावक स्कूल पहुंचे और प्रदर्शन किया। वहीं, आज सिटी मजिस्ट्रेट, एडीसीपी समेत स्कूल प्रबंधक के साथ परिजनों की बैठक थी। लेकिन कई घंटे इंतजार के बाद भी स्कूल प्रबंधन बैठक में शामिल नहीं हुआ। जिसके बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। अभिभावकों ने स्कूल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पुलिस प्रशासन उन्हें समझाने में जुटा है। शनिवार को परिजनों ने स्कूल परिसर में बड़ी संख्या में आकर जमकर हंगामा किया। उनका कहना है कि कई बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न की घटनाएं हो चुकी हैं। बच्चियां ये सब समझने के लिए बहुत छोटी हैं। वो जब स्कूल से आकर घर आती हैं तो बताती हैं कि स्कूल वाले भैया उनके साथ गंदी हरकत करते हैं। परिजनों में इतना डर भर गया है कि कुछ परिजनों ने बताया कि उन्होंने पिछले एक हफ्तों से अपने बच्चों को स्कूल तक नहीं भेजा है। परिजनों ने अपने बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए और स्कूल में पुरुष कर्मचारी हटाने के साथ ही सीसीटीवी कैमरे से पूरे स्कूल को लैस करना और जब जरूरत पड़े तो उसे परिजनों को दिखाया भी जाए।पुलिस के अनुसार, मासूम से स्कूल में सफाईकर्मी ने अक्तूबर के पहले सप्ताह में यौन अत्पीड़न किया था। 8 अक्तूबर को बच्ची रोने लगी और पेट में दर्द होने की शिकायत की। इसके बाद बच्ची को परिजन डॉक्टर के पास ले गए, जहां बच्ची से अश्लील हरकत का पता चला। इसके बाद माता-पिता ने पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने 10 अक्तूबर को मामला दर्ज कर आरोपी नित्यानंद को गिरफ्तार कर लिया। एडीसीपी मनीष कुमार मिश्रा ने बताया कि जांच के क्रम में क्लास टीचर मधु मेनघानी और स्कूल एडमिन दयामय महतो को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार क्लास टीचर और स्कूल प्रशासक को कोर्ट से जमानत मिल गई। पुलिस ने शुक्रवार को दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया था। दोनों को घटना छिपाने और साक्ष्य मिटाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले में मुख्य आरोपी कि पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जमानत से परिजन नाखुश
क्लास टीचर व स्कूल प्रशासक को कोर्ट से जमानत मिलने के बाद पीड़ित परिवार नाखुश है। उनका कहना है कि पुलिस ने अच्छे से साक्ष्य संकलन व धाराएं नहीं लगाई। इस कारण स्कूल टीचर समेत दोनों को कोर्ट में पेश करते ही जमानत दे दी गई। इस मामले में पुलिस से अच्छे तरीके से जांच व साक्ष्य संकलन करने की अपील पीड़ित परिवार ने की है। परिवार का कहना है कि पुलिस इस मामले में ऐसी कार्रवाई करनी चाहिए जो नजीर बने।
स्कूल व पुलिस छिपाती रही घटना
10 अक्तूबर को मामले में पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर नित्यानंद को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद भी मीडिया से मामले को छिपाने का प्रयास किया गया। सोमवार को मीडिया में यह मामला सामने आया तो इसकी जानकारी दी गई। घटना के बाद स्कूल प्रबंधन ने भी चुप्पी साध ली। मीडिया में मामला आने के बाद स्कूल प्रबंधन ने बयान जारी किया कि 9 अक्तूबर को पुलिस ने स्कूल प्रबंधन से संपर्क किया और घटना की जानकारी दी। पुलिस ने स्कूल के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की, लेकिन घटना से संबंधित कोई साक्ष्य नहीं मिला।
टीचर ने बच्ची को डराया : परिजन
परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने व साक्ष्य मिटाने का आरोप लगाया था। परिजनों ने कहा कि घटना के दिन जब बच्ची रोने लगी तो क्लास टीचर को पता चल गया, लेकिन उसने मां से बताने से मना कर दिया। बच्ची को डराया गया।
पिता ने बयां किया घटनाक्रम
पिता का कहना है कि 7 अक्तूबर को बेटी को परेशानी हुई तो घटना का पता चला। 8 अक्तूबर को डॉक्टर ने बताया कि बच्ची के निजी अंग से छेड़छाड़ हुई है। मां ने पूछा तो बच्ची ने बताया कि स्कूल में खाना देने वाले अंकल ने स्टोर में कुछ चुभाया। जब बच्ची रोने लगी तो आरोपी भाग गया। इस बीच क्लास टीचर आ गई और बच्ची ने रोते हुए इस घटना की जानकारी दी। इसके बाद टीचर ने उसे डांटकर मां को बताने से मनाकर दिया। अगर स्कूल में टीचर व प्रबंधन इस घटना को गंभीरता से लेता तो उसी दिन आरोपी पकड़ा जाता। स्कूल से इस घटना से जुड़े साक्ष्य को मिटाए गए हैं। 10 अक्तूबर की शाम को हम बच्ची को लेकर पुलिस के साथ स्कूल गए थे। मौके पर जूनियर विंग के प्रिंसिपल व टीचर नहीं आई थी। जब सीसीटीवी फुटेज की मांग की गई तो स्कूल प्रबंधन की तरफ से बताया गया कि 30 दिन की फुटेज मिल जाएगी। जब सीसीटीवी लेने गए तो टालमटोल कर 14 दिन की ही फुटेज होने की बात कही गई। इसके बाद बताया गया कि घटना वाली जगह का कोई वीडियो नहीं है।

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