स्मोकी और तंदूरी खाना भी कैंसर का खतरा बढ़ा रहा है। दुनिया के 80 प्रतिशत ओरल कैंसर के मामले अकेले भारत में हैं। भारत में 20 प्रतिशत ओरल कैंसर के मामले सेवेन-सिस्टर्स पूर्वोत्तर राज्यों में हैं। गुवाहाटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अजय बी. कुन्नुमकरा ने अमर उजाला से खास बातचीत में इसका खुलासा किया।अगर आप भी स्मोकी फ्लेवर वाला खाना बहुत पसंद करते हैं, तो यह खबर आपको सचेत करने वाली है। कोयले के धुएं से निकले जहरीले रसायन कैंसर के खतरे को बढ़ा रहे हैं। पूर्वोत्तर के राज्यों में जहां स्मोकी फ्लेवर वाले और तंदूर वाले खाने का चलन ज्यादा है, वहां गले, आहारनाल, अग्नाशय व ब्रेस्ट कैंसर के काफी मामले सामने आ रहे हैं। देश में दर्ज हो रहे कैंसर के मामलों में 20 प्रतिशत मामले सिर्फ इन राज्यों में सामने आए हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि इन कैंसरों की एक बड़ी वजह स्मोकी फ्लेवर वाला खाना है। यह चौंकाने वाला खुलासा शनिवार को आईआईटीआर में आयोजित विष विज्ञान सम्मेलन में गुवाहाटी से लखनऊ आए वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अजय बी. कुन्नुमकरा ने अमर उजाला से बातचीत में किया। डॉ. कुन्नुमकरा पूर्वोत्तर के राज्यों में बेतहाशा बढ़ते कैंसर की वजहों और इसके संभावित उपचार पर पिछले 12 वर्षों से शोध कर रहे हैं। अमेरिकन केमिकल सोसायटी जर्नल, यूरोप से प्रकाशित जर्नल- लाइफ साइंसेज और मॉलीक्यूलर एंड सेलुलर बॉयोलोजी जर्नल ने विश्व स्तर पर उनके शोध को मान्यता दी है।
उन्होंने बताया कि दुनिया के 80 प्रतिशत से ज्यादा ओरल कैंसर के मामले अकेले भारत में हैं। स्मोकिंग के साथ ही स्मोकलेस तंबाकू- खैनी, गुटखा, सुपारी से भी कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। जहां तक पूर्वोत्तर के लोगों में बढ़ रहे कैंसर की वजहों की बात है तो स्मोकी फ्लेवर वाले खाने का इन राज्यों में खूब चलन है। धुएं में पकने वाले खाद्य पदार्थों में एरोमैटिकामींस और नैनोमैटिकामींस जैसे रसायन बनने लग जाते हैं। ये दोनों ही रसायन कैंसर का बड़ा कारण बनते हैं। धुएं में पॉली साइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन भी होते हैं। सीधे धुएं में पकने वाले खाद्य पदार्थों पर इन कैंसर कारक रसायनों की एक परत चढ़ जाती है।
पानी में मौजूद हैवी मेटल भी बढ़ा रहा समस्या
डॉ. अजय बी. कुन्नुमकरा के मुताबिक अरुणांचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नगालैंड, सिक्किम में पानी में आर्सेनिक, कैडमियम, आयरन जैसे हैवी मेटल का प्रदूषण भी पाया जा रहा है। पूर्वोत्तर राज्यों के निवासियों में बढ़ रहे कैंसर के मामलों की यह भी एक वजह है।
सिगरेट के साथ अल्कोहल का कॉकटेल है जानलेवा
डॉ. कुन्नुमकरा के मुताबिक सिगरेट के साथ अल्कोहल के लगातार सेवन से आंतें तेजी से तंबाकू को शोषित करती हैं। इससे तंबाकू सीधे हमारे खून में मिलता रहता है। यह कॉकटेल बेहद खतरनाक है।
ओरल कैंसर कारक प्रोटीन की हुई पहचान, इलाज अगले दो वर्षों में
डॉ. कुन्नुमकरा ने बताया कि मुंह और गले में लंबे समय तक सूजन और इसकी अनदेखी कैंसर की एक बड़ी वजह है। लंबे शोध के जरिए मैंने सूजन पैदा करने वाले खास प्रोटीन की पहचान की है। कैंसर कारक इस खास प्रोटीन के खात्मे के लिए कुछ रसायन खोजने में भी कामयाबी हासिल हुई है। अगले दो वर्षों में क्लीनिकल स्टडी के बाद दवा बाजार में उपलब्ध हो जाएगी।
