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दिल्ली में जहां राहुल-प्रियंका ने किया प्रचार, वहां कांग्रेस के लिए कैसे रहेंगे नतीजे


दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के दो प्रमुख नेताओं- राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने कुल कितनी रैलियां की हैं? उनकी रैलियों से दिल्ली के कुल कितने जिलों में प्रभाव पड़ा है? इसके अलावा कौन सी सीटों पर उनकी रैलियों का सीधे तौर पर असर पड़ा है? आइये जानते हैं…दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना शुरू होने में अब कुछ ही देर बाकी है। इस बीच एग्जिट पोल्स के अनुमानों के विपरीत कांग्रेस को उम्मीद है कि वह 2013, 2015 और 2020 के चुनाव से उलट इस बार दिल्ली में तेजी से उभरी आम आदमी पार्टी और भाजपा को कड़ी टक्कर देगी। कांग्रेस के कई नेताओं ने इसी उम्मीद में एग्जिट पोल के नतीजों को भी मानने से इनकार कर दिया और अपने प्रमुख नेताओं की रैलियों का हवाला देते हुए जनसमर्थन अपने साथ होने की बात कही। ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर कांग्रेस के दो प्रमुख नेताओं- राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने कुल कितनी रैलियां की हैं? उनकी रैलियों से दिल्ली के कुल कितने जिलों में प्रभाव पड़ा है? इसके अलावा कौन सी सीटें उनकी रैलियों में सीधे तौर पर घिरी हैंदिल्ली में राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार की शुरुआत 13 जनवरी को ही कर दी थी। उन्होंने सबसे पहले पूर्वोत्तर दिल्ली (5 सीट) के सीलमपुर से चुनाव प्रचार की शुरुआत की। वहीं, प्रियंका गांधी वाड्रा ने 31 जनवरी को विधानसभा चुनाव के लिए पहली रैली की। दोनों नेताओं ने दिल्ली के छह जिलों में कुल 11 रैलियां कीं। इनमें सबसे ज्यादा तीन रैलियां उत्तर दिल्ली में कीं। वहीं, पश्चिम दिल्ली में दो, मध्य दिल्ली में दो, पूर्वोत्तर दिल्ली में दो, शहादरा और पश्चिम दिल्ली में एक-एक रैली शामिल रही।राहुल गांधी ने दिल्ली में चुनाव प्रचार के लिए सात रैलियां कीं। इससे उन्होंने पांच जिले अकेले कवर किए। जहां राहुल ने पटपड़गंज में 28 जनवरी की अपनी रैली से उत्तर दिल्ली की आठ सीटों को कवर किया, वहीं इसी दिन ओखला में रैली से उन्होंने दक्षिण पूर्व दिल्ली की सात सीटों को साधने की कोशिश की। इसके अलावा उन्होंने 31 जनवरी को पश्चिमी दिल्ली की सात सीटों को साधने की कोशिश की। राहुल की आखिरी रैली 1 फरवरी को हुई, जिसमें उन्होंने सदर बाजार में रैली कर सात सीटों को कवर किया। इस तरह राहुल ने कुल 34 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस की हवा बनाने की कोशिश की।दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी वाड्रा की एंट्री काफी देर से हुई। उन्होंने जनवरी के आखिरी दिन पश्चिम दिल्ली की नांगलोई जाट सीट से प्रचार की शुरुआत की। राहुल गांधी ने भी इसी दिन पश्चिम दिल्ली सीट पर प्रचार किया था। यानी राहुल-प्रियंका ने पश्चिम दिल्ली विधानसभा सीट पर खुद से ही काफी ध्यान दिया और सभी सात सीटों को जीतने के लिए ताकत झोंक दी।

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