यूपी विधानसभा की कार्यवाही हिंदी के साथ अवधी, ब्रज, भोजपुरी, बुंदेली बोली और अंग्रेजी भाषा में भी सुनी जा सकेगी। यह देश की किसी भी विधानसभा में अपनी तरह का पहला प्रयोग है।प्रदेश की 18वीं विधानसभा अपने गठन के बाद से लगातार नए आयाम स्थापित कर रही है। इसी क्रम में बजट सत्र से पूर्व अनूठी पहल की गई। अब विधानसभा की कार्यवाही हिंदी के साथ अवधी, ब्रज, भोजपुरी, बुंदेली बोली और अंग्रेजी भाषा में भी सुनी जा सकेगी। यह देश की किसी भी विधानसभा में अपनी तरह का पहला प्रयोग है। इसका उद्देश्य ग्रामीण अंचल के लोगों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया से और अधिक जोड़ना है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसका सोमवार को उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से इस प्रक्रिया को भी समझा।सीएम ने विधानभवन के नए प्रवेशद्वार उद्घाटन और भित्ति चित्रों का लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर महाना ने कहा कि प्रदेश में अलग-अलग क्षेत्रों की अपनी विशिष्ट बोलियां और भाषाएं हैं। ऐसे में जरूरी था कि प्रदेश की विधानसभा अपनी जनता से अधिक से अधिक जुड़ाव स्थापित करे। हिंदी हमारी राजभाषा है, लेकिन क्षेत्रीय भाषाओं को भी बढ़ावा देना जरूरी है। इससे न सिर्फ जनप्रतिनिधियों को अपनी मातृभाषा में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मिलेगी, बल्कि आम नागरिक भी अपनी भाषा में विधानसभा की कार्यवाही सुन सकेंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री के सहयोग और दिशा-निर्देश में यूपी विधानसभा जो प्रयास कर रही है, उसे पूरे देश की विधानसभाएं अपना रही हैं। यह पहल लोकतंत्र को और मजबूत बनाएगी। कार्यक्रम में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, नेता विपक्ष माता प्रसाद पांडेय और कांग्रेस नेता अराधना मिश्रा मोना भी शामिल हुईं।विधानमंडल के दोनों सदनों में विपक्ष के हमले से निपटने को लेकर मुख्यमंत्री ने भी मंत्रियों के साथ ही भाजपा और सहयोगी दलों के विधायकों को पूरी तैयारी से सदन में मौजूद रहने का निर्देश दिया है। सीएम ने खास तौर से मिल्कीपुर की जीत और महाकुंभ से जुड़े मुद्दे उठने पर उसका सकारात्मक तरीके से जवाब देने को कहा है।मुख्यमंत्री ने सोमवार को लोकभवन में भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में विपक्ष को घेरने की रणनीति पर चर्चा की। मंत्रियों के अलावा भाजपा संगठन और सहयोगी दलों के विधायकों की मौजूदगी में सीएम ने मंत्रियों से कहा कि विपक्ष या सदन के सदस्य द्वारा यदि नियम-51 के तहत सवाल पूछे तो उसका संतोषजनक जवाब दें।संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने भी मंत्रियों और विधायकों को विपक्ष के सवालों पर संयमित रहने और सदन की गरिमा के मुताबिक बोलने का सुझाव दिया। बैठक में भाजपा के प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल ने भाजपा और सहयोगी दल के सभी विधायकों को एकजुट होकर सदन में सरकार का पक्ष मजबूती से रखने का सुझाव दिया। बैठक में दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, सभी सभी मंत्रियों के साथ ही सभी सहयोगी दलों के विधायक भी मौजूद रहें।
