आतंकवाद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और पाकिस्तान में आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर विभिन्न व्यापारी संगठनों और हिंदू कार्यकर्ताओं द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक बड़ी आक्रोश रैली यहां हुई।रैली में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया, जो टाउन हॉल से शुरू हुई और शहर के कई हिस्सों से गुजरी। प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तान के पुतले जलाए गए। रैली में संयुक्त व्यापार संघर्ष समिति, भारतीय हिंदू शक्ति दल और विश्व हिंदू परिषद सहित सौ से अधिक संगठनों ने हिस्सा लिया।भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी शाम को विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। हालांकि, उनकी उपस्थिति को लेकर कुछ लोगों ने विरोध किया, जिन्होंने उन्हें सभा को संबोधित करने से रोक दिया।रैली में टिकैत के पहुंचने पर भीड़ का एक हिस्सा उत्तेजित हो गया, जिसके कारण टिकैत वहां से चले गए। जब वह जा रहे थे, तभी हाथापाई हुई और उनकी पगड़ी जमीन पर गिर गई। पुलिस अधीक्षक (नगर) सत्यनारायण प्रजापत ने घटना पर सफाई देते हुए कहा कि राकेश टिकैत पर डंडों से हमला करने की खबरें गलत हैं। उन्होंने पुष्टि की ,‘‘रैली में कुछ लोगों ने भाकियू नेता का विरोध किया और उन्हें परेशान किया और धक्का-मुक्की के दौरान उनकी पगड़ी गिर गई।’’ किसान नेता राकेश टिकैत ने घटना की निंदा करते हुए इसे ‘‘किसान आंदोलन को दबाने के लिए एक विशेष राजनीतिक दल की साजिश’’ बताया।पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि ‘‘उनके खिलाफ कुछ युवकों को भेजा गया था’’ और ‘‘जो लोग परेशान कर रहे थे, उनमें से कुछ शराब के नशे में थे।’’ टिकैत ने घोषणा की कि किसान आतंकवाद के विरोध में ट्रैक्टर मार्च भी निकालेंगे। मार्च की तारीख आने वाले दिनों में तय की जाएगी। उन्होंने केंद्र सरकार से जनता के गुस्से को शांत करने के लिए आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह किया।
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