पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितो का सोशल मीडिया चेहरा बनीं नौसेना अधिकारी पति हिमांशी नरवाल थी। जिस दिन यह हमला हुआ पूरे सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई थी जिसमें देखा जा सकता था कि एक महिला पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए अपने नौसेना अधिकारी पति के शव के पास मौन बैठी थी। यह दिल दहला देने वाली तस्वीर थी। मौन बैठी हिमांशी नरवाल इस त्रासदी का चेहरा बन गई हालांकि, हिमांशी नरवाल के लिए समर्थन की बाढ़ जल्द ही सोशल मीडिया पर नफरत में बदल गई, जब उन्होंने लोगों से मुसलमानों और कश्मीरियों को निशाना न बनाने के लिए कहा।
नौसेना अधिकारी की पत्नी हिमांशी नरवाल ने क्या कहा?
हिमांशी के खिलाफ ऑनलाइन नफरत पिछले हफ्ते एक इंटरव्यू से शुरू हुई। दुख में होने के बावजूद, हिमांशी ने इस बात पर जोर दिया कि लोगों को पहलगाम हमले के लिए मुसलमानों और कश्मीरियों को निशाना नहीं बनाना चाहिए, जिसमें 26 लोग मारे गए। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते कि लोग मुसलमानों और कश्मीरियों के पीछे पड़ें। हम शांति और न्याय चाहते हैं। जिन लोगों ने उसके साथ गलत किया है, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। हिमांशी की शादी हमले से ठीक छह दिन पहले हुई थी। वह पहलगाम में पति के साथ हनीमून पर थी। तभी यह हमला हुआ।
हिमांशी नरवाल के बयान से नाराज हुए लोग
हिमांशी नरवाल की टिप्पणियों ने जल्द ही सोशल मीडिया पर आलोचना की लहर को आमंत्रित किया, जिसने एक सप्ताह पहले ही उसका समर्थन किया था क्योंकि बैसरन घास के मैदान से उसकी तस्वीर वायरल हुई थी। जबकि एक उपयोगकर्ता ने दावा किया कि वह इस घटना का उपयोग “सामाजिक और राजनीतिक सीढ़ी चढ़ने” के अवसर के रूप में कर रही थी, दूसरे ने पूछा “उसका मन कैसे बदल गया”। एक अन्य उपयोगकर्ता ने टिप्पणी की “उसे गोली मार दी जानी चाहिए थी। कुछ लोगों ने यह भी बताया कि हमले के बाद के वीडियो में वह इतनी “स्थिर” कैसे दिख सकती है, उन्होंने कहा कि “वह कभी भी सदमे में नहीं दिखी”। एक अन्य ने कहा, “ऐसा लगता है कि यह सब उसकी संलिप्तता के कारण हुआ है। सुरक्षा एजेंसियों को उसकी पृष्ठभूमि की जांच करनी चाहिए।” तीसरे ने टिप्पणी की, “यह धर्मनिरपेक्षता नहीं है। यह खुलेआम इस्लामी आतंकवादियों और उनकी गतिविधियों का समर्थन करना है।”लगातार ट्रोल और गाली-गलौज के बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने आखिरकार संयम बरतने का आग्रह करते हुए कदम उठाया है। एक कड़े शब्दों वाले बयान में, महिला आयोग ने जोर देकर कहा कि किसी महिला को उसकी वैचारिक अभिव्यक्ति या निजी जीवन के आधार पर ट्रोल करना गलत है।
NCW पहलगाम हमले में मारे गए नौसेना अधिकारी की पत्नी के समर्थन में उतरा
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने पहलगाम हमले में मारे गए नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल का समर्थन करते हुए कहा है कि किसी महिला को उसकी वैचारिक अभिव्यक्ति या निजी जीवन के आधार पर ‘ट्रोल’ (निशाना बनाना) किया जाना सही नहीं है। हिमांशी ने 22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर में पहलगाम के पास बैसरन में हुए आतंकवादी हमले के बाद लोगों से मुसलमानों और कश्मीरियों को निशाना न बनाने की अपील की थी। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे।
एनसीडब्ल्यू ने हिमांशी को ‘ट्रोल’ किए जाने की निंदा की
हिमांशी ने बृहस्पतिवार को कहा था, ‘‘हम नहीं चाहते कि लोग मुसलमानों और कश्मीरियों के पीछे पड़ें।’’ हिमांशी को उनके बयान के बाद सोशल मीडिया मंचों पर ‘ट्रोल’ किया गया। ‘एक्स’ पर जारी एक बयान में एनसीडब्ल्यू ने हिमांशी को ‘ट्रोल’ किए जाने की निंदा की। हिमांशी की टिप्पणियों की सोशल मीडिया पर व्यापक आलोचना का हवाला देते हुए एनसीडब्ल्यू ने लिखा, ‘‘लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की मौत के बाद, जिस तरह से उनकी पत्नी हिमांशी नरवाल की उनके एक बयान के संबंध में सोशल मीडिया पर आलोचना की जा रही है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है।’’ आयोग ने स्वीकार किया कि भले ही उनकी टिप्पणियां कई लोगों को नहीं रास आई हों, लेकिन असहमति व्यक्त करना ‘संवैधानिक सीमाओं’ और नागरिक विमर्श की मर्यादा के दायरे में रहना चाहिए।
