Breaking News
Home / अंतराष्ट्रीय / ‘कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए अमेरिका की जरूरत नहीं’, ट्रंप की पेशकश पर भड़का विपक्ष

‘कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए अमेरिका की जरूरत नहीं’, ट्रंप की पेशकश पर भड़का विपक्ष


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर का श्रेय लेने में जुटे हुए हैं। पहले उन्होंने बीते दिन शाम पांच बजकर 37 मिनट पर दोनों देशों के बीच सीजफायर का दावा किया। फिर आज सुबह उन्होंने कश्मीर मुद्दे का हल खोजने के लिए दोनों देशों के साथ काम करने की पेशकश की। इसे लेकर ही भारत में कांग्रेस, शिवसेना समेत तमाम राजनीतिक दल ट्रंप पर निशाना साध रहे हैं।शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने रविवार को कहा कि कश्मीर मुद्दे का समाधान खोजने के लिए भारत को किसी देश के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की है। ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में प्रियंका ने जोर देकर कहा कि भारत को किसी देश के हस्तक्षेप के बिना इस मामले पर आगे बढ़ना चाहिए।शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा, ‘कश्मीर मुद्दे का समाधान खोजने के लिए हमें अमेरिका या किसी अन्य देश के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। नियति ने हमें यह जिम्मेदारी दी है और भारत को इस चुनौती का सामना करना चाहिए।’ यह तब हुआ जब राष्ट्रपति ट्रंप ने रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष खत्म होने का स्वागत करते हुए कहा कि अगर शांति नहीं बहाल हुई तो लाखों लोग मारे जा सकते थे। शायद वे दोनों देशों के बीच संभावित परमाणु युद्ध की बात कर रहे थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने क्या कहा?
ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘मुझे भारत और पाकिस्तान के मजबूत और अडिग नेतृत्व पर बहुत गर्व है, क्योंकि उनके पास यह जानने और समझने की शक्ति, बुद्धि और धैर्य है कि वर्तमान आक्रमण को रोकने का समय आ गया है, जो कई लोगों की मौत और विनाश का कारण बन सकता था। लाखों अच्छे और निर्दोष लोग मारे जा सकते थे! आपकी विरासत आपके साहसी कार्यों से बहुत बढ़ गई है।’ ट्रंप ने इस दावे पर जोर दिया कि अमेरिका ने शांति स्थापित करने में मदद की और कश्मीर पर समाधान के लिए मध्यस्थता की पेशकश की।
भारत ने तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को बार-बार खारिज किया
भारत ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को बार-बार खारिज किया है। भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। शनिवार को भारत ने पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम में अमेरिका की भूमिका को भी कमतर बताते हुए कहा था कि दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच सहमति बन गई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा था कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ लगातार अपना रुख बनाए रखा है। उन्होंने कहा, ‘भारत और पाकिस्तान ने आज गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनाई है। भारत ने लगातार आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ दृढ़ और अडिग रुख बनाए रखा है। यह ऐसा करना जारी रखेगा।

About United Times News

Check Also

ऑपरेशन सिंदूर पर पी चिदंबरम ने की पीएम मोदी की तारीफ

🔊 पोस्ट को सुनें भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बाद शनिवार को …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Best WordPress Developer in Lucknow | Best Divorce Lawyer in Lucknow | Best Advocate for Divorce in Lucknow
× Join With Us