भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कांग्रेस पर तीखा हमला किया और उसके नेताओं पर सशस्त्र बलों का मनोबल गिराने और पाकिस्तान के साथ हालिया संघर्ष के बाद भारत की स्थिति को कमजोर करने का आरोप लगाया। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल गांधी, जयराम रमेश और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी सहित कांग्रेस नेताओं की तीखी आलोचना करते हुए दावा किया कि उन्होंने सैन्य संघर्ष में भारत के नुकसान पर बार-बार सवाल उठाए हैं, जबकि पाकिस्तान को हुए नुकसान पर चुप रहे हैं।पात्रा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने आरंभ में कहा कि हम देश के साथ खड़े हैं मगर एक दिन भी ये भारत के साथ नहीं खड़े थे। प्रथम दिन से ही राहुल गांधी, जयराम रमेश और उनके लोगों ने भारत की सेना, भारत के शौर्य पर सवाल उठाया है, ये ‘सबूत गैंग’ खुश नहीं है। उन्होंने कहा कि जयराम रमेश ने अपने बयान में कहा कि यहां आतंकवादी घूम रहे हैं, वहां सांसद घूम रहे हैं। एक ही सांस में आपने सांसदों और आतंकवादियों को समान कर दिया? सांसद घूमने नहीं गए हैं, वे भारत के पक्ष को विश्व के सामने रखने गए हैं। उसमें आपके भी सांसद हैं।भाजपा नेता ने आगे कहा कि यह बात स्पष्ट होती जा रही है कि कांग्रेस पार्टी के भीतर भी अंदरूनी मतभेद हैं। एक धड़ा पाकिस्तान के नैरेटिव से ज़्यादा जुड़ा हुआ नज़र आता है, जबकि जो लोग भारत के साथ खड़े होना चाहते हैं, वे ऐसा करने में असमर्थ हैं क्योंकि राहुल गांधी के नेतृत्व में उन्हें रोका जा रहा है। विडंबना यह है कि कांग्रेस द्वारा जय हिंद यात्रा के रूप में प्रस्तुत की गई यह यात्रा जय पाकिस्तान यात्रा जैसी लग रही थी। उन्होंने विपक्षी पार्टी पर पाकिस्तान से अधिक बार खोए गए भारतीय विमानों की संख्या के बारे में विवरण मांगने का आरोप लगाया और कांग्रेस नेताओं की तुलना पाकिस्तान के “बब्बर” से की, जबकि उन्हें “गब्बर” कहा – जो प्रतिष्ठित फिल्म शोले के खलनायक का संदर्भ है – जिसे नायकों के हाथों हारना तय है। पात्रा ने कहा कि ये जो पाकिस्तान के बब्बर हैं, वो हिंदुस्तान के गब्बर हैं। उन्होंने कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश की उस टिप्पणी पर भी कड़ी आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में विदेश यात्रा करने वाले भारतीय सांसदों की तुलना आतंकवादियों से की थी। पात्रा ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस के सांसद पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद की जवाबी कार्रवाई के बाद भारत का रुख पेश करने के लिए वैश्विक राजधानियों का दौरा करने वाले प्रतिनिधियों में शामिल हैं। उनके प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने रमेश की तुलना को गैरजिम्मेदाराना बताया।
