बांदा । भीषण गर्मी में भी जिला अस्पताल के जिम्मेदार मरीजों की सुध नहीं ले रहे हैं। पुरुष वार्ड के तीन में दो एसी खराब हैं। यहां कूलर भी नहीं लगा है। स्थिति यह है कि मरीजों को घरों से कूलर और पंखे लाने पड़े हैं, तब जाकर जैसे-तैसे गर्मी से निजात मिल रही है। उधर, अधिकारियों के कमरों में सरकारी कूलर और एसी की ठंडक बनी है। गायत्री नगर मोहल्ला निवासी आयुष के साथ शनिवार की रात मारपीट हुई थी। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। आयुष की मां शैलेंद्री देवी ने बताया कि बेटा गर्मी में सो नहीं पा रहा था। इसकी वजह से घर से कूलर लाए हैं। अब ठंडी हवा नसीब हुई। एक और मरीज के तीमारदार घर से छोटा टेबल फैन लेकर आए। तीमारदारों का कहना है कि वार्ड में कूलर नहीं हैं। दो एसी खराब हैं। एक एसी पूरे वार्ड को ठंडा नहीं कर सकता। मजबूरन घर से कूलर और पंखा लाए हैं। बता दें कि हाल ही में प्रमुख सचिव ने अस्पतालों में मरीजों को गर्मी से बचाने के लिए एसी, कूलर और पंखे चालू रखने के निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं डीएम के निर्देश पर बुधवार को एडीएम भी जिला अस्पताल का निरीक्षण करने गए और आवश्यक दिशा निर्देश दिए, लेकिन अस्पताल की व्यवस्था जस की तस है। गुरुवार को दोपहर तीन बजे पड़ताल की गई तो पता चला कि जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में सिर्फ दिखावे के लिए एसी लगा है। उससे ठंडी हवा नहीं निकलती। महज चार पंखे ही कमरे में लगे हैं, जो गर्म हवा फेंक रहे हैं। बच्चे और तीमारदार पसीने से तर-बतर नजर आए।
