लखनऊ । लोकसभा चुनाव 2024 में आया जनादेश बहुत बड़ा संदेश दे रहा है। खासकर उत्तर प्रदेश को जहां भाजपा को 29 सीटो का नुकसान हुआ है।एनडीए की यूपी में तो चली नहीं, ये तो गनीमत, दूसरे सूबों ने मदद कर दी है। 2024 का लोकसभा चुनाव बहुत दिलचस्प रहा है। सात चरणों में दो महीने से अधिक समय में चुनाव आयोग ने संपन्नकराया। चुनाव में मंदिर मस्जिद ,हिंदू मुसलमान, मंगलसूत्र ,मटन, राम मंदिर, हिंदुत्व, राष्ट्रवाद, मुफ्त राशन, लाभार्थी की चर्चा सत्ताधारी दल के कारिंदों और सर्वराकारो ने बढ़ चढ़कर की किंतु चुनाव में टिक नहीं सका। नतीजा यूपी में एनडीए के बुरा हाल हो गया।भाजपा अयोध्या सहित अयोध्या मंडल की अधिकांश सीटे हार गई जिसमें अयोध्या ,बाराबंकी ,अंबेडकर नगर, सुल्तानपुर ,अमेठी शामिल है। अयोध्या के नाम पर सियासत की और अयोध्या ही नही बचा सके। चुनाव में विपक्ष द्वारा उठाए गए संविधान बचाओ, महंगाई, बेरोजगारी, आरक्षण ,छुट्टा जानवर, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे हावी रहे और आम जनता को समझ में आए। ये चुनाव के खास मुद्दे बन गए। भाजपा के कुछ बड बोले नेताओं के बयान की 400 जिताओं हम संविधान बदल देंगे, हम 80 करोड़ जनता को मुफ्त राशन दे रहे हैं, जिसे इंडिया गठबंधन ने लपक लिया और इसे चुनावी मुद्दा बना दिया। बसपा का अधिकांश वोट बैंक आरक्षण का लाभ पाने वाला ही होता है। मुस्लिम वर्ग में संदेश चला गया कि अगर भाजपा ने 400 पार कर लिया तो आरक्षण समाप्त कर देगी। सामान्यतः लोगों की धारणा है कि मुस्लिम समुदाय भाजपा को हराने वाले प्रत्याशी को ही अपना वोट देता है। विपक्ष ने छोटी जातियों में यह भय पैदा कर दिया कि अगर भाजपा की पूर्ण बहुमत से तीसरी बार सरकार बनती है तो आरक्षण समाप्त हो जाएगा। यह बात छोटी जातियों के वोटरो के मन में बैठ गई और उन्होंने भाजपा को हराने का संकल्प ले लिया। इसी कारण से बसपा अपना खाता न खोल सकी ।यही नहीं अधिकांश सीटों पर बसपा प्रत्याशियों की जमानत भी जप्त हो गई । बसपा का 90 फीसदी वोटर इंडिया गठबंधन के साथ चला गया। परिणाम स्वरूप उत्तर प्रदेश में भाजपा को 29 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा। जनादेश की खास बात यह रही कि जिसे पूरा एनडीए खासकर भाजपा पप्पू कहकर मजाक उड़ाती रही,उसी ने पूरी बीजेपी को ही श्वहीश् बना दिया। जनादेश का दूसरा पहलू है कि भाजपा को जरूरत से ज्यादा कांफिडेंस हो गया था की प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएंगे जिनके सांसद ,विधायक, मंत्रियों व नेताओ का अहंकार भाजपा के लिए हानिकारक साबित हुआ। जनादेश ने यह भी संदेश दिया है कि देश की जनता को बहुत दिनों तक हिंदुत्व, राम ,राष्ट्रवाद तथा मुफ्त राशन के भंवर जाल में उलझाए नही रख सकते। उसे रोजगार की जरूरत है ,महंगाई व भ्रष्टाचार से निजात चाहिए। इन्हीं मुद्दों के लिए देश की जनता ने 2014 व 2019 में भाजपा को प्रचंड बहुमत दिया था। देश की जनता को बीते 10 सालों में राम मंदिर, हिंदुत्व ,राष्ट्रवाद का झुनझुना मिला। जनादेश ने देश की मीडिया को भी एक सबक दिया है कि इतना भी नीचे न गिरो की जरूरत पड़े तो उठ न सको। किसी ने सही एग्जैक्ट एग्जिट पोल नही दिखाया। बीएसपी सुप्रीमो मायावती बराबर कहती रही कि सरकार किसी को अपनी जेब से मुफ्त राशन नही दे रही है। कहते हैं हम 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दे रहे हैं। यह भी कह रहे 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाये हैं।सीधी बात जो जनता समझती है, वो यह कि जो मुफ्त राशन ले रहे हैं, वो भी तो गरीब हुए। रही सही कसर मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूरी कर दी ,यह कहकर कि वो पांच किलो देते हैं हम 10 किलो देंगे। किसानों के हित की भी उन्होंने बात की।युवा बेरोजगारी के चलते निराश हैं। कोई भर्ती हो नही रही। कर्मचारियों में अलग नाखुशी है, ओल्ड पेंशन उनकी मांग है जिसका विपक्ष ने समर्थन किया।अब हर घर मे ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट ही नही तकनीकी जानकार हैं, वे बरगलाने में नही आने वाले हैं।
