मतगणना में धांधली का आरोप,री काउंटिंग की मांग
लखनऊ। बांसगांव लोकसभा क्षेत्र चुनाव की फिर से मतगणना कराने का मामला तूल पकड़ने लगा है। कांग्रेस की जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान ने कल गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को मेल किया है।मेल में बांसगांव लोकसभा सीट की सभी पांच विधानसभाओं की फिर मतगणना की मांग की गई है। देर शाम तक मेल का कोई जवाब नहीं आया था। इस बीच प्रत्याशी सदल प्रसाद को दिल्ली बुलाया गया था।वह दिल्ली के लिए निकले तो लखनऊ पहुंचने को कहा गया। सदल प्रसाद आज लखनऊ में हैं। लखनऊ में प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात में रणनीति बनायी जाएगी।चार जून को मतगणना के आखिरी चरण में सदल प्रसाद ने धांधली का आरोप लगाया था। उनके समर्थन में कांग्रेसियों ने आवाज उठानी शुरू की तो गोरखपुर विश्वविद्यालय के कला संकाय में कांग्रेसी और भाजपा के कार्यकर्ता आमने-सामने हो गए थे। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने सभी को शांत कराया। इस बीच थोड़ी देर के लिए सदल प्रसाद बाहर निकले तो आरोप है कि उनके जाते ही कमलेश पासवान को जीत का प्रमाण पत्र दे दिया गया। इसके विरोध में सदल प्रसाद ने पंत पार्क के सामने धरना शुरू कर दिया तो कांग्रेसियों ने विश्वविद्यालय के पोस्ट आफिस के सामने की सड़क पर जाम लगा दिया।कुछ देर बाद सभी जुलूस निकालने लगे तो पुलिस ने हटाया। बाद में सदल प्रसाद व अन्य कांग्रेसी बेतियाहाता स्थित सपा के कार्यालय पर पहुंचे। यहां रात 11रू10 बजे राहुल गांधी ने सदल प्रसाद से बात की और पूरा प्रकरण जाना। उन्होंने कहा कि हर हाल में न्याय कराया जाएगा। इससे पहले शाम को दिल्ली से कांग्रेस नेताओं ने बांसगांव की प्रेक्षक से बात की थी और निष्पक्ष मतगणना कराने को कहा था।कांग्रेस के प्रत्याशी सदल प्रसाद ने कहा कि पार्टी के मार्गदर्शन में ही आगे की कार्रवाई करूंगा।आशुतोष कुमार रावत की मेल आइडी से मुख्य चुनाव आयुक्त को भेजा गया मेल जिसमे जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान ने प्रत्याशी सदल प्रसाद की ओर से लिखा है। लिखा कि 67, लोकसभा क्षेत्र बांसगांव (सु) के आरओ मतगणना के दौरान सूचना प्रसारित करते वक्त चार बार मेरे पक्ष में पड़े तीन हजार से ज्यादा मत को दो सौ बता रहे थे।सूचना के तत्काल बाद मैंने मौके पर प्रति की मांग की, लेकिन नहीं दिया गया। बांसगांव विधानसभा की एक बूथ की गणना शेष है फिर भी अंतिम परिणाम सुना दिया गया। उनके सामने छह घंटे से लगातार बैठा रहा। गणना के दौरान फोन पर उन्हें कोई निर्देश दे रहा था। अपने प्रसारित संदेश का डाटा दर्जनों बार सुधार करवा रहे थे। इनकी मौजूदगी में मतगणना निष्पक्ष नहीं रही। पूरे संसदीय क्षेत्र की पांचों विधानसभा में पड़े मत की फिर से मतगणना की मांग की जाती है।
