अखिलेश यादव को मिली बड़ी जिम्मेदारी
लखनऊ। इंडिया गठबंधन ने फैसला किया है वह सरकार बनाने का प्रयास नहीं करेगा। लेकिन गठबंधन में शामिल कुछ लीडर विकल्प तलाश रहे हैं। विशेष रूप से टीएमसी और शिवसेना यूबीटी और आम आदमी पार्टी, भाजपा को मात देने के लिए गठबंधन में दलों की संख्या बढ़ाने के विकल्प तलाशने पर जोर दे रही है।सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने चुनाव नतीजों के दिन ही एसपी नेता अखिलेश यादव से बात की थी और उनसे टीडीपी के एन चंद्रबाबू नायडू तक पहुंचने के लिए कहा था। कल गुरुवार को ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी के नेता अभिषेक बनर्जी और सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने नई दिल्ली में अखिलेश यादव से मुलाकात की। सूत्रों ने कहा कि आप का भी मानना घ्घ्है कि इंडिया ब्लॉक में और अधिक पार्टियों को लाने के विकल्प तलाशे जाने चाहिए। आप नेता संजय सिंह और राघव चड्ढा ने ममता बनर्जी से मुलाकात की। दोनों नेता अलग-अलग शिवसेना नेता संजय राउत के आवास पर भी गए। अभिषेक बनर्जी और डेरेक ओ ब्रायन मुंबई भी गए हैं जहां शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे से मिलेंगे। टीएमसी नेताओं से मुलाकात के बाद अखिलेश ने कहा, लोकतंत्र में उम्मीदें हमेशा बढ़नी चाहिए। “खुश करने से सरकार बन रही है, तो खुश कोई और कर सकता है। आशा और अपेक्षाएं कभी खत्म नहीं होनी चाहिए। आशा और उम्मीदें हमेशा बनी रहनी चाहिए।” सपा के सूत्रों ने कहा कि अखिलेश यादव को चंद्रबाबू नायडू या नीतीश कुमार के इतनी जल्दी पाला बदलने की उम्मीद नहीं है, लेकिन वे टीएमसी नेताओं से सहमत हैं। कांग्रेस आक्रामक रूप से संख्या बल जुटाने के मूड में नहीं है क्योंकि इंडिया गुट दावा करने की स्थिति में नहीं। वामपंथी नेताओं का मानना घ्घ्है कि दावेदारी के लिए एक अलग गठबंधन बनाने का प्रयास इस समय सही नहीं।कांग्रेस में सोच है कि गठबंधन को नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के लिए विकल्प और दरवाजे खुले रखने चाहिए। टीएमसी के सूत्रों ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल से भाजपा के तीन नवनिर्वाचित सांसद बनर्जी के संपर्क में हैं। टीएमसी के एक नेता ने कहा, नरेंद्र मोदी की बीजेपी ने 10 साल तक सरकार चलाई। हम यहां से आगे बढ़ते हैं।”दो निर्दलीय बिहार के पूर्णिया से जीते कांग्रेस के बागी घ्घ्पप्पू यादव और महाराष्ट्र के सांगली से चुने गए विशाल पाटिल कांग्रेस का समर्थन करने के लिए तैयार हैं। एक टीएमसी नेता ने कहा, “शुरुआती बिंदु यह है कि यह एक गैर-भाजपा मोदी सरकार होगी। उसके बाद कुछ भी हो सकता है। पार्टी का यह भी मानना घ्घ्है कि वामपंथी अब इंडिया ब्लॉक में निर्णय नहीं ले सकते।” एक नेता ने कहा, “सपा जैसी पार्टियां हैं जिनके पास 37 सीटें हैं, टीएमसी के पास 29 और शिवसेना यूबीटी के पास 9 सीटें हैं। हम अन्य पार्टियों की फोटोकॉपी नहीं हैं, हमारे अपने विचार हैं।”
