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सब्जियों के दाम आसमान पर, गरीब की थाली में कम होता जा रहा है भोजन


सरकारी आंकड़ों में भले महंगाई कम होने के दावे किये जाते हों लेकिन हकीकत यह है कि आम आदमी बढ़ती महंगाई से बेहद परेशान है। खासतौर पर मानसून के इस मौसम में जिस तरह सब्जियों के भाव में तेजी आ रही है उससे गरीब और मध्यम वर्ग पर बड़ा असर पड़ रहा है। कहीं टमाटर सौ रुपए के पार पहुँच रहा है तो कहीं आलू 50 के पार जा रहा है। फलों की कीमतों में वृद्धि की तो बात ही छोड़ दीजिये। देखा जाए तो ऐसे हालात में सरकारों को चाहिए कि वह आम आदमी को राहत देने के प्रयास करे मगर मंत्री गण ऐसे बयान दे रहे हैं जिससे लोगों की नाराजगी बढ़ रही है। मिसाल के तौर पर उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने दाल की बढ़ती कीमतों के सवाल पर कहा कि कहीं पर भी 100 रुपये प्रति किलोग्राम से ज्यादा दाम में दाल नहीं बिक रही है। देखा जाये तो यह बयान सुन कर हंसी नहीं बल्कि गुस्सा आता है क्योंकि सरकार का कोई वरिष्ठ मंत्री इस तरह का बयान दे रहा है तो इससे प्रदर्शित होता है कि उसे जमीनी स्थिति का पता ही नहीं है। और अगर मंत्री को जमीनी स्थिति ही नहीं पता है तो वह मंत्री बने रहने लायक ही नहीं है।हम आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि 100 रुपये किलो से ज्यादा दाल कहीं नहीं है। कृषि मंत्री के इस बयान को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है। विपक्ष का कहना है कि जनता सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ वोट करके उसे ‘आटे—दाल’ का भाव मालूम करा देगी। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा के नेता और मंत्री जमीनी हकीकत से दूर हैं। वे आम जनता का दर्द नहीं समझते। कांग्रेस का कहना है कि महंगाई का हाल यह है कि जिस घर में सब्जी बनती है वहां दाल नहीं बनती और जहां दाल बनती है वहां सब्जी नहीं बनती। कांग्रेस का दावा है कि केन्द्र में भाजपा के पिछले 10 साल के शासनकाल में महंगाई तीन गुनी से अधिक बढ़ गयी है। गरीब वर्ग की कमाई ज्यादातर खाने पर ही खर्च हो जाती है।जहां तक सब्जियों की कीमतों की बात है तो देश के विभिन्न बाजारों में सब्जियों, अंडे और ‘पॉल्ट्री’ मांस की खुदरा कीमतें ऊंची होने के कारण आम आदमी को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। देश के विभिन्न शहरों के बाजारों में सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि टमाटर की कीमतें एक महीने पहले के 45-50 रुपये से बढ़कर 80-100 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं। बैंगन 110-140 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहा है। करेला, हरी मिर्च और लौकी जैसी कई अन्य सब्जियों की कीमतों में भी औसतन 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बाजारों में अंडे और ‘पॉल्ट्री’ मांस की कीमतों में भी 20-30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं इस महंगाई पर आम जनता का कहना है कि हर साल ऐसी स्थितियां आने के बावजूद सरकार कोई पुख्ता उपाय नहीं करती। दूसरी ओर सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि लोग अब मजबूरी में कोई भी सब्जी एक किलो की बजाय एक पाव खरीद रहे हैं।

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